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पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक स्थानों में से एक, मॉस्को और लंदन में आतंकी तार: सूत्र

जम्‍मू-कश्‍मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ जिसमें 26 लोगों को आतंकियों ने मार दिया. इन आतंकियों के तार भी पाकिस्‍तान से जुड़ते नजर आ रहे हैं.

पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक स्थानों में से एक, मॉस्को और लंदन में आतंकी तार: सूत्र
पाकिस्तान के इनकार को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं सरकार
नई दिल्‍ली:

पाकिस्‍तान अब दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है. आतंकियों को पालने और पनाह देने के आरोप पाकिस्‍तान सरकार पर सालों से लगते आए हैं. भारत कई बार आतंकी हमलों में शामिल आतंकवादियों के पाकिस्‍तान से जुड़े होने के सबूत दे चुका है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के एक सप्ताह बाद बुधवार को शीर्ष सरकारी सूत्रों ने NDTV को बताया कि पाकिस्तान का आतंकवादियों को प्रायोजित करने और उन्हें पनाह देने का रिकॉर्ड रहा है और यह 'दुनिया की सबसे खतरनाक ताकतों में से एक' है. सूत्रों ने खास तौर पर 2011 के अमेरिकी मिलिट्री ऑपरेशन की ओर इशारा किया, जिसमें अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद के एक घर से ट्रैक किया गया था.

पाक मंत्री ने कबूला किया 'गंदा काम'

सरकारी सूत्रों ने पूर्व प्रधानमंत्रियों नवाज शरीफ और जनरल परवेज मुशर्रफ सहित वरिष्ठ पाक राजनेताओं के बयानों पर सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने यह स्वीकार किया था कि 26/11 मुंबई हमलों जैसी सीमा पार आतंकी घटनाओं में उनकी सरकार का हाथ था. आतंकवाद के बढ़ावा देने के बारे में पूछे जाने पर एक पाकिस्तानी मंत्री ने कबूला कि उनके देश ने अमेरिका के लिए "गंदा काम" किया है.

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2005 में लंदन में बम विस्फोट शामिल...

पाकिस्‍तान समर्थित आतंकियों के तार सिर्फ भारत और अमेरिका तक सीमित नहीं रहे हैं. सूत्रों ने पाकिस्तान सरकार द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमलों के एक वैश्विक नेटवर्क की ओर भी इशारा किया, जिसमें 2008 और 2011 में काबुल में भारतीय और अमेरिकी दूतावासों पर हमले, 2024 में मास्को में एक कॉन्सर्ट हॉल पर हमला और 2005 में लंदन में बम विस्फोट शामिल हैं. सूत्रों ने कहा कि इन और अन्य मामलों में, पूछताछ से पता चला है कि आतंकवादियों को पाकिस्तानी नेटवर्क से रसद या वैचारिक समर्थन मिला हो सकता है.

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पाकिस्तान के इनकार को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं सरकार 

मोदी सरकार अब आतंकवाद के खात्‍मे के मूड में नजर आ रही है. ऐसी खबरें हैं कि कोई बड़ा कदम पाक के खिलाफ उठाया जा सकता है, क्‍या इसमें कोई सच्‍चाई है? सूत्रों ने कहा कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद सरकार वैश्विक आतंकी नेटवर्क में अपनी संलिप्तता न होने के पाकिस्तान के इनकार को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है. सूत्रों ने जोर देकर कहा कि इन बयानों के पीछे एक 'कड़वी सच्चाई' है कि इस्लामाबाद और पाक सेना ने 'सैनिकों को जिहादी नेताओं में बदल दिया है, जो पूरे दक्षिण एशिया में दशकों से आतंक को बढ़ावा दे रहे हैं।' सूत्रों ने दावा किया कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र में कई आतंकी संगठनों के लिए कई प्रशिक्षण शिविरों को वित्तपोषित करता है, जिसमें लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद शामिल हैं, जो फरवरी 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले के लिए जिम्मेदार थे, जिसमें 40 सैनिक मारे गए थे. 

पाकिस्‍तान आतंकियों को कैसे पाल-पोस रहा है?

सूत्रों ने बताया कि ये प्रशिक्षण शिविर 'कट्टरपंथ, हथियार प्रशिक्षण और आत्मघाती मिशन की तैयारी के लिए केंद्र' के रूप में काम करते हैं, और पूर्व पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा चलाए जाते हैं। अंत में, आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने और प्रायोजित करने तथा विश्व भर में आतंकवादी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में व्यापक अभियोग पत्र दाखिल करने के लिए, सूत्रों ने अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान 'कुछ क्षेत्रीय रूप से केंद्रित आतंकवादी समूहों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है.'

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बता दें कि जम्‍मू-कश्‍मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ जिसमें 26 लोगों को आतंकियों ने मार दिया. इन आतंकियों के तार भी पाकिस्‍तान से जुड़ते नजर आ रहे हैं. हालांकि, पाकिस्‍तान इनकार कर रहा है कि इस हमले में उसका कोई हाथ नहीं है. 

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