नई दिल्ली:
भारत की सीमा से सटे पंजाब प्रांत में पाकिस्तान द्वारा किए गए सैन्याभ्यास 'राद-उल-बर्क़' (स्ट्राइक ऑफ थंडर) की तस्वीरों से ज़ाहिर है कि भारत के खिलाफ किए गए इस अभ्यास के दौरान दो चीन-निर्मित डब्ल्यूज़ेड-10 लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी इस्तेमाल किए गए.
पाकिस्तान ने कभी खुले तौर पर यह स्वीकार नहीं किया है कि उसके पास मिसाइलों से लैस डब्ल्यूज़ेड-10 थंडरबोल्ट हेलीकॉप्टर भी हैं, जो टैंकों तथा किलेबंदियों को नष्ट करने में सक्षम हैं. इन हेलीकॉप्टरों को अमेरिकी एएच-64 अपाचे जैसा ही माना जाता है, जिन्हें खाड़ी युद्धों तथा अफगानिस्तान में काफी इस्तेमाल किया गया था. पिछले साल सितंबर में भारत ने भी अमेरिका से हुए 3.1 अरब अमेरिकी डॉलर के सौदे में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर भी खरीदे थे, हालांकि इनमें से एक भी अभी भारत को हासिल नहीं हुआ है.
बहावलपुर (पाकिस्तान) में बुधवार को किए गए सैन्याभ्यास का मकसद पाकिस्तानी सेना की तैयारियों का प्रदर्शन करना था, जबकि पिछले कुछ वक्त में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है.
पहला आधुनिक चीनी लड़ाकू हेलीकॉप्टर कहा जाने वाला डब्ल्यूज़ेड-10 वर्ष 2012 से चीनी फौज का हिस्सा है. पिछले साल प्रदर्शन मूल्यांकन परीक्षण के बाद तीन डब्ल्यूज़ेड-10 हेलीकॉप्टर पाकिस्तान को भेजे गए थे.
हालांकि पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है कि हेलीकॉप्टर उनकी ज़रूरतों पर खरा उतरा या नहीं, लेकिन कुछ रिपोर्टों से संकेत मिलते हैं कि हेलीकॉप्टर का टर्बोशाफ्ट इंजन कम शक्तिशाली आंका गया है. चीन में इस समय विकसित किया जा रहा एक नया, ज़्यादा शक्तिशाली इंजन - डब्ल्यूज़ेड-16 - मौजूदा डब्ल्यूज़ेड-10 हेलीकॉप्टरों को अधिकतम हथियार - 16 एआर-1 गाइडेड एन्टी-टैंक मिसाइल - ले जाने में सक्षम बना देगा.
पाकिस्तानी फौज में इस समय अमेरिका-निर्मित एएच-1 एफ कोबरा हेलीकॉप्टर गनशिप का फ्लीट है, और इसके अलावा 15 नए एएच-1 ज़ेड हैलीकॉप्टर भी हैं. पाकिस्तान कथित रूप से रूसी एमआई-35 लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दे चुका है, और हो सकता है कि वह 20 और हेलीकॉप्टरों को हासिल करने के बारे में योजना बना रहा हो.
इधर, भारतीय वायुसेना अपने पुराने रूस-निर्मित एमआई-35 लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को नए हेलीकॉप्टरों से बदलने पर विचार कर रही है. अपाचे के लिए किए जा चुके सौदे के अलावा सरकार ने हाल ही में 15 स्वदेश-निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों (एलसीएच) को सेना में शामिल करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है, जिन्हें लगभग 2,900 करोड़ की लागत से बनाया गया है.
पाकिस्तान ने कभी खुले तौर पर यह स्वीकार नहीं किया है कि उसके पास मिसाइलों से लैस डब्ल्यूज़ेड-10 थंडरबोल्ट हेलीकॉप्टर भी हैं, जो टैंकों तथा किलेबंदियों को नष्ट करने में सक्षम हैं. इन हेलीकॉप्टरों को अमेरिकी एएच-64 अपाचे जैसा ही माना जाता है, जिन्हें खाड़ी युद्धों तथा अफगानिस्तान में काफी इस्तेमाल किया गया था. पिछले साल सितंबर में भारत ने भी अमेरिका से हुए 3.1 अरब अमेरिकी डॉलर के सौदे में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर भी खरीदे थे, हालांकि इनमें से एक भी अभी भारत को हासिल नहीं हुआ है.
बहावलपुर (पाकिस्तान) में बुधवार को किए गए सैन्याभ्यास का मकसद पाकिस्तानी सेना की तैयारियों का प्रदर्शन करना था, जबकि पिछले कुछ वक्त में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है.
पहला आधुनिक चीनी लड़ाकू हेलीकॉप्टर कहा जाने वाला डब्ल्यूज़ेड-10 वर्ष 2012 से चीनी फौज का हिस्सा है. पिछले साल प्रदर्शन मूल्यांकन परीक्षण के बाद तीन डब्ल्यूज़ेड-10 हेलीकॉप्टर पाकिस्तान को भेजे गए थे.
हालांकि पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है कि हेलीकॉप्टर उनकी ज़रूरतों पर खरा उतरा या नहीं, लेकिन कुछ रिपोर्टों से संकेत मिलते हैं कि हेलीकॉप्टर का टर्बोशाफ्ट इंजन कम शक्तिशाली आंका गया है. चीन में इस समय विकसित किया जा रहा एक नया, ज़्यादा शक्तिशाली इंजन - डब्ल्यूज़ेड-16 - मौजूदा डब्ल्यूज़ेड-10 हेलीकॉप्टरों को अधिकतम हथियार - 16 एआर-1 गाइडेड एन्टी-टैंक मिसाइल - ले जाने में सक्षम बना देगा.
पाकिस्तानी फौज में इस समय अमेरिका-निर्मित एएच-1 एफ कोबरा हेलीकॉप्टर गनशिप का फ्लीट है, और इसके अलावा 15 नए एएच-1 ज़ेड हैलीकॉप्टर भी हैं. पाकिस्तान कथित रूप से रूसी एमआई-35 लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दे चुका है, और हो सकता है कि वह 20 और हेलीकॉप्टरों को हासिल करने के बारे में योजना बना रहा हो.
इधर, भारतीय वायुसेना अपने पुराने रूस-निर्मित एमआई-35 लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को नए हेलीकॉप्टरों से बदलने पर विचार कर रही है. अपाचे के लिए किए जा चुके सौदे के अलावा सरकार ने हाल ही में 15 स्वदेश-निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों (एलसीएच) को सेना में शामिल करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है, जिन्हें लगभग 2,900 करोड़ की लागत से बनाया गया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं