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कश्मीर में ISI का क्या है FT माड्यूल, जिसे क्रैक डाउन करने में जुटी सुरक्षा एजेंसियां

सूत्रों के अनुसार अभी तक की जांच में पता चला है कि बीते कुछ समय में कश्मीर में ISI के इसी FT मॉड्यूल के तहत विदेशी आतंकियों की संख्या को बढ़ाया गया है.

आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियां चला रही है विशेष ऑपरेशन

नई दिल्ली/पहलगाम:

पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में मौजूद आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों और सेना का ऑपरेशन लगातार जारी है. बीते कुछ दिनों की बात करें तो NIA और सेना की जांच में ऐसे कई मददगारों का पता लगाया गया है जो घाटी में आतंकियों को मदद मुहैया कराते थे. सूत्रों के अनुसार अब सुरक्षा एजेंसियां इन मददगारों से पूछताछ कर आतंकियों की कमर तोड़ने में लगी है. सुरक्षा एजेंसी की जांच में फोरन टेरेरिस्ट माड्यूल यानी FT माड्यूल का भी पता चला है. इस मॉड्यूल के तहत पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी ISI विदेशी आतंकियों की भर्ती कर उन्हें कश्मीर भेजता है. 

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सूत्रों के अनुसार अभी तक की जांच में पता चला है कि बीते कुछ समय में कश्मीर में ISI के इसी FT मॉड्यूल के तहत विदेशी आतंकियों की संख्या को बढ़ाया गया है. जांच में इस बात का भी पता चला है कि बीते कुछ समय में घाटी में विदेशी आतंकी ज्यादा सक्रिय थे. इन आतंकियों को भारत में घुसपैठ करने में पाकिस्तान मदद कर रहा है. 

लोकल नेटवर्क को क्रैकडाउन कर रही है एजेंसियां

सुरक्षा एजेंसियां कश्मीर में FT मॉड्यूल के लोकल नेटवर्क को क्रैक डाउन करने में जुटी है. अभी तक की जांच में सामने आया. 2024 में कुल 68 आतंकवादी मारे गए, जिनमें से 42 विदेशी थे. ज्यादातर आतंकी FT हैं यानी पाकिस्तान से घुसपैठ कर घाटी आए हैं . ये आतंकवादी या तो नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ के दौरान मारे गए या फिर कश्मीर के अंदर सुरक्षाबलों की कार्रवाई में ढेर हुए.नॉर्थ कश्मीर के बारामुला ज़िले में सबसे ज़्यादा विदेशी आतंकी मारे गए 9 मुठभेड़ों में 14 आतंकी मारे गए. जम्मू क्षेत्र में भी लगभग 40 आतंकियों में से 35-36 विदेशी थे. 

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इस बदलाव की वजह से स्थानीय भर्ती में भारी गिरावट आई है. 2021 में 125 स्थानीय युवक आतंकवादी बने. 2022 में 100, 2023 में यह संख्या घटकर 22 रह गई और 2024 में सिर्फ़ 7 युवक आतंकवादी बने. अब तो हालत यह है कि कश्मीर में सक्रिय स्थानीय आतंकियों की संख्या 10 से भी कम रह गई है. पाकिस्तान ने इस कमी को पूरा करने के लिए अपने ट्रेन किए गए आतंकी भेजने शुरू कर दिए हैं. इसमें लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और उनके अन्य विंग जैसे TRF (द रेसिस्टेंस फ्रंट), PAFF (पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट), और कश्मीर टाइगर्स जैसे संगठन शामिल हैं. 

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