
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की शुरुआती जांच से संकेत मिला है कि घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादियों की संख्या पांच से सात के बीच हो सकती है, जिन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षित कम से कम दो स्थानीय आतंकवादियों से मदद मिली थी. अधिकारियों ने बताया कि हमले में बिजबेहरा निवासी आदिल थोकर उर्फ आदिल गुरी की भूमिका सामने आई है, जिसकी पहचान इसमें मारे गए एक पर्यटक की पत्नी ने की. अधिकारियों का मानना है कि आदिल 2018 में पाकिस्तान चला गया था, जहां उसने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से हथियारों का प्रशिक्षण हासिल किया और फिर हमलों को अंजाम देने के लिए भारत लौट आया.
अधिकारियों के मुताबिक, शुरुआती जांच से पता चला है कि मंगलवार को बैसरन में चार आतंकवादियों ने पर्यटकों को कतारों में खड़ा कर उन पर नजदीक से गोलियां चलाईं, जबकि कम से कम एक से तीन आतंकवादियों को रणनीतिक रूप से यह देखने के लिए तैनात किया गया था कि सुरक्षाबल तो नहीं आ रहे.
अधिकारियों ने चश्मदीदों के हवाले से बताया कि आतंकवादियों ने अपने बर्बर कृत्य को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडी कैमरा पहन रखे थे. उन्होंने बताया कि चश्मदीदों को कम से कम छह से सात तस्वीरें दिखाई गईं, जिनमें से एक में मौजूद आदिल की पहचान उस आतंकवादी के रूप में की गई, जो गोली चला रहा था. अधिकारियों के अनुसार, हमले के बाद आतंकवादी पीर पंजाल क्षेत्र के देवदार के घने जंगलों की ओर भाग गए. उन्होंने बताया कि हमले के सिलसिले में कई लोगों से पूछताछ की गई है और आतंकवादियों को पकड़ने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने तीन लोगों के स्केच भी जारी किए हैं, जिनके इस आतंकवादी हमले में शामिल होने का संदेह है. उन्होंने बताया कि ये तीनों लोग पाकिस्तानी हैं और इनका नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तलहा है. अधिकारियों के अनुसार, इन तीनों का कोड नाम मूसा, यूनुस और आसिफ था तथा ये पुंछ में कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल थे. उन्होंने बताया कि पुलिस ने पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों के बारे में सूचना देने पर 20 लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं