पी चिदंबरम के साथ पुत्र कार्ति चिदंबरम (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ गाहे-बगाहे दलों के भीतर और बाहर आवाजें उठती रही हैं. उसी की ताजा कड़ी में कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि कांग्रेस सभी पार्टियां निजी पारिवारिक संपत्तियां हो गई हैं और फिलहाल इनसे कोई मुक्ति मिलती नहीं दिख रही है. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु में द्रविड़ शासन के 50 वर्ष पूरे होने के मौके पर सोमवार को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कार्ति चिदंबरम ने यह बात कही.
उन्होंने कहा कि ये दल पारिवारिक संपत्तियों की तरह हैं और इन्होंने नेता बनने के लिए इच्छुक नए बाहरी लोगों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं. ऐसे में राजनीति में आने के इच्छुक नए नेता इन पार्टियों में फिट नहीं होते क्योंकि उसको पार्टी के मुखिया या दल में अन्य नेताओं का गुणगान करना होता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के माहौल के चलते मौजूदा परिदृश्य में नए राजनीतिक दल के लिए पूरी गुंजाइश है.
सभी दलों को प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां बताते हुए कार्ति ने आरोप लगाया कि ये सभी दल सिर्फ अपने पार्टी के सदस्यों के परिजनों को ही आगे बढ़ाते हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या किसी दल ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को या किसी आईआईटी टॉपर को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस, बीजेपी, डीएमके, अन्नाडीएमके या चाहें उत्तर भारत की कोई और पार्टी हो, इन सभी पर परिवार का कब्जा है और बाहरियों के लिए कोई चांस नहीं है. हालांकि यह सभी है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में कार्ति चिदबंरम तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी थे. इसी सीट से उनके पिता और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम पिछले तीन दशकों से चुनाव लड़ते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ये दल पारिवारिक संपत्तियों की तरह हैं और इन्होंने नेता बनने के लिए इच्छुक नए बाहरी लोगों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं. ऐसे में राजनीति में आने के इच्छुक नए नेता इन पार्टियों में फिट नहीं होते क्योंकि उसको पार्टी के मुखिया या दल में अन्य नेताओं का गुणगान करना होता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के माहौल के चलते मौजूदा परिदृश्य में नए राजनीतिक दल के लिए पूरी गुंजाइश है.
सभी दलों को प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां बताते हुए कार्ति ने आरोप लगाया कि ये सभी दल सिर्फ अपने पार्टी के सदस्यों के परिजनों को ही आगे बढ़ाते हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या किसी दल ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को या किसी आईआईटी टॉपर को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस, बीजेपी, डीएमके, अन्नाडीएमके या चाहें उत्तर भारत की कोई और पार्टी हो, इन सभी पर परिवार का कब्जा है और बाहरियों के लिए कोई चांस नहीं है. हालांकि यह सभी है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में कार्ति चिदबंरम तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी थे. इसी सीट से उनके पिता और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम पिछले तीन दशकों से चुनाव लड़ते रहे हैं.
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