केंद्र सरकार ने संसद के दोनों सदन लोकसभा (Loksabha) और राज्यसभा (Rajyasabha) से दिल्ली सर्विस बिल पास करा लिया है. अब 8 अगस्त यानी मंगलवार से विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) पर चर्चा होगी. लोकसभा में आज दोपहर 12 बजे से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी, जो शाम 7 बजे तक चलेगी. इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं. 10 अगस्त को पीएम मोदी (PM Narendra Modi) अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देंगे.
26 जुलाई को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा सचिवालय में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को संबोधित करते हुए एक नोटिस दिया था. नोटिस में कहा गया था कि वो और उनके विपक्षी गठबंधन इंडिया के अन्य सांसद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं जिसकी वो मंजूरी दे दें. इंडिया गठबंधन की ओर से सदन के नियम 198 के तहत मणिपुर मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था.
बुधवार शाम 4 बजे पीएम मोदी देंगे बयान
अविश्वास प्रस्ताव पर 9 अगस्त (बुधवार) को भी दोपहर 12 बजे से शाम 7 बजे तक चर्चा होगी. बुधवार को ही गृह मंत्री अमित शाह अविश्वास प्रस्ताव पर बयान दे सकते हैं. इस दौरान वह मणिपुर के हालात पर विस्तार से सरकार का पक्ष रखेंगे. इसके बाद 10 अगस्त को दोपहर 12 बजे फिर से चर्चा शुरू होगी और शाम 4 बजे पीएम नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे. फिर इस प्रस्ताव पर मतदान होगा.
ये हैं बीजेपी के स्पीकर
जानकारी के मुताबिक, बीजेपी की ओर से निशिकांत दुबे अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में चर्चा की शुरुआत करेंगे. बीजेपी की तरफ से करीब 20 स्पीकर होंगे. इनमें स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण, ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजवर्धन सिंह राठौर का नाम खासतौर पर शामिल है.
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का गिरना तय
विपक्ष द्वारा लाए गए इस अविश्वास का संसद प्रस्ताव का पास होना नामुमकिन है, क्योंकि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के पास पूर्ण बहुमत है. आंकड़ों पर नजर डालें तो संसद के निचले सदन लोकसभा में मोदी सरकार बहुमत में है. उसके पास 301 सांसद हैं, वहीं एनडीए के पास 333 सांसद हैं. इधर पूरे विपक्ष के पास कुल 142 सांसद हैं. सबसे ज्यादा 50 सांसद हैं. ऐसे में स्पष्ट है कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव फेल हो जाएगा.
फिर विपक्ष ने क्यों चला ये दांव?
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर विपक्ष इसे संसद में क्यों लाया? विपक्ष से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस अविश्वास प्रस्ताव के जरिए विपक्ष पीएम मोदी को मणिपुर मुद्दे पर बोलने के लिए मजबूर करना चाहता है. हाल ही में विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल 16 पार्टियों के 21 सांसदों ने मणिपुर का दौरा किया था. खबरों के मुताबिक अपने दौरे में विपक्षी दलों के सांसदों ने मणिपुर की वर्तमान स्थिति को लेकर जानकारी जुटाने की भी योजना थी, जिसे बहस के दौरान संसद में उठाया जा सकता है.
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