गैर भाजपा दलों के गठबंधन के प्रति इच्छा जताते हुए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आज कहा कि उनकी पार्टी 'देश हित' में इस तरह के मोर्चे का हिस्सा बनने को तैयार है, भले ही इसमें उनकी चिर प्रतिद्विंद्वि लेफ्ट पार्टियां भी शामिल क्यों न हों।
एनडीटीवी से बात करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, 'जो भी इस देश की शांति के लिए काम करेगा, मैं उसके साथ हूं।' हालांकि इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस पर है (जो सबसे बड़ी गैर भाजपा पार्टी है) कि वह 'धर्मनिरपेक्ष' दलों का गठबंधन बनाए।
एनडीटीवी ने जब ममता से पूछा कि अगर कांग्रेस इस तरह का गठबंधन बनाती है तो क्या वह उसमें शामिल होंगी। इस पर उन्होंने कहा, 'उन्हें निर्णय करने दीजिए.. उन्हें आमंत्रित करने दीजिए।' पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, 'लेकिन मैं आपको बताती हूं कि मेरी तरफ से कोई समस्या नहीं है। देश के हित में, देश में शांति के लिए, देश में स्थिरता के लिए.. मैं उनके साथ रहूंगी।'
इससे पहले ममता बनर्जी ने कांग्रेस की तरफ से जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती पर आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लिया, जिसमें वाम दलों सहित काफी संख्या में गैर राजग दलों ने शिरकत की।
गौरतलब है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में काफी तेजी से उभर रही है और वामदलों ने उन पर (ममता पर) 'अल्पसंख्यक कट्टरतावाद' के आरोप लगाए, जिससे राज्य में भगवा दल का रास्ता खुल रहा है।
भाजपा पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए ममता ने कहा कि उनके राज्य में कोई सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन उनकी सरकार इससे निपट लेगी। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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