- संविधान दिवस के कार्यक्रम में PM मोदी और राहुल गांधी एक मंच पर उपस्थित रहे.
- राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि संविधान हमारी राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान है.
- कार्यक्रम में नेताओं ने संविधान के महत्व और उसके मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लिया.
संविधान दिवस के मौके पर पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल (जिसे अब संविधान सदन के नाम से जाना जाता है) में आयोजित कार्यक्रम में राजनीतिक दलों की एकता की झलक देखने को मिली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई शीर्ष नेता एक ही मंच पर मौजूद रहे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी इस अवसर पर उपस्थित थे. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति मुर्मू ने की. उनके साथ मंच पर उपराष्ट्रपति व राज्यसभा स्पीकर सीपी राधाकृष्णन, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, प्रधानमंत्री मोदी, राज्यसभा में सत्ता पक्ष के नेता जेपी नड्डा, राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राज्यसभा के उस सभापति हरिवंश राय और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू एक मंच पर मौजूद रहे.
बता दें कि दो दिन पहले ही यानी सोमवार को ही एक सरकारी कार्यक्रम से नदारद रहने पर भाजपा ने राहुल गांधी को घेरा था. 24 नवंबर को ही जस्टिस सूर्यकांत ने 53वें भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है. सीजेआई के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के शामिल न होने की भाजपा ने कड़ी आलोचना की थी. बीजेपी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल ना होकर डॉ. बी. आर. अंबेडकर और संविधान का अनादर किया है.

लेकिन आज के कार्यक्रम में राहुल और खड़गे दोनों मौजूद रहे. कार्यक्रम में संविधान के महत्व और उसके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया. नेताओं ने कहा कि संविधान भारतीय लोकतंत्र की नींव है और इसके मूल्यों को बनाए रखना सभी का कर्तव्य है. इस दौरान 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य पर भी जोर दिया गया.
संविधान हमारी राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान- राष्ट्रपति मुर्मू
संविधान दिवस के कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'हमारा संविधान हमारी राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान है, ये औपनिवेशिक पहचान को त्याग करके राष्ट्रवादी भावना के साथ आगे बढ़ने का मार्गदर्शक ग्रंथ है. दंड के स्थान पर न्याय की भावना पर आधारित भारतीय न्याय संहिता को लागू किया गया है. ऐसे अनेक प्रगतिशील चीजों को सार्थक विमर्श के बाद पारित करने के लिए मैं संसद सदस्यों की सराहना करती हूं.'
नौ भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया सहित नौ भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी किया.
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