 
                                            - पर्रिकर ने ममता को लिखी चिट्ठी में सेना से जुड़े विवाद पर दुख जताया
- उन्होंने लिखा कि ममता के आरोपों से सेना का मनोबल गिरने का खतरा
- उन्होंने कहा कि सेना पर आरोप लगाने से पहले सोचा जाना चाहिए
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह सीएम के इस आरोप से 'बेहद आहत' हैं जिसमें उन्होंने बंगाल के टोल बूथ पर सेना की मौजूदगी को शक की निगाह से देखा था. सरकार ने सफाई दी है कि सेना की मौजूदगी, बंगाल और अन्य राज्यों में की जाने वाली एक रोज़मर्रा की गतिविधि थी लेकिन ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि ऐसा करने से पहले उनकी सरकार से सलाह नहीं ली गई.
पर्रिकर ने चिट्ठी में लिखा है कि 'अगर आपने राज्य सरकार की संबंधित एजेंसी से पूछताछ की होती तो आपको पता चलता कि सेना और स्टेट एजेंसी के बीच इन जगहों का मुआयना करने के लिए किस स्तर पर पत्र व्यवहार किया गया है.' रक्षामंत्री ने आगे लिखा 'आपके आरोपों से देश की सेना के मनोबल पर बुरा असर पड़ सकता है.'
बता दें कि 1 दिसंबर को कोलकाता में अपने मुख्यालय के पास टोल प्लाज़ा पर सैनिकों की मौजूदगी पर सीएम ममता बनर्जी ने खासी नाराज़गी व्यक्त की थी. उन्होंने मांग की कि सेना को पहले हटाया जाए तभी वह अपने दफ्तर से बाहर निकलेंगी. उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह उनकी सरकार को 'कुचलना' चाहती है. 30 घंटे दफ्तर में रहने के बाद उन्होंने यह ट्वीट किया कि 'मैं यहां सचिवालय पर खड़े होकर लोकतंत्र की सुरक्षा का इंतज़ार कर रही हूं.'
पर्रिकर ने अपनी चिट्ठी में बनर्जी पर राजनीतिक कुंठा निकालने का आरोप लगाते हुए लिखा कि 'राजनीतिक पार्टियों और राजनेताओं को एक दूसरे पर मनगढ़ंत आरोप लगाने का सुख है लेकिन सैन्य बलों की बात करने के दौरान हमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए.' पढ़ें पूरी चिट्ठी -
                                                                                
                                                                                
                                                                                                                        
                                                                                                                    
                                                                        
                                    
                                पर्रिकर ने चिट्ठी में लिखा है कि 'अगर आपने राज्य सरकार की संबंधित एजेंसी से पूछताछ की होती तो आपको पता चलता कि सेना और स्टेट एजेंसी के बीच इन जगहों का मुआयना करने के लिए किस स्तर पर पत्र व्यवहार किया गया है.' रक्षामंत्री ने आगे लिखा 'आपके आरोपों से देश की सेना के मनोबल पर बुरा असर पड़ सकता है.'
बता दें कि 1 दिसंबर को कोलकाता में अपने मुख्यालय के पास टोल प्लाज़ा पर सैनिकों की मौजूदगी पर सीएम ममता बनर्जी ने खासी नाराज़गी व्यक्त की थी. उन्होंने मांग की कि सेना को पहले हटाया जाए तभी वह अपने दफ्तर से बाहर निकलेंगी. उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह उनकी सरकार को 'कुचलना' चाहती है. 30 घंटे दफ्तर में रहने के बाद उन्होंने यह ट्वीट किया कि 'मैं यहां सचिवालय पर खड़े होकर लोकतंत्र की सुरक्षा का इंतज़ार कर रही हूं.'
पर्रिकर ने अपनी चिट्ठी में बनर्जी पर राजनीतिक कुंठा निकालने का आरोप लगाते हुए लिखा कि 'राजनीतिक पार्टियों और राजनेताओं को एक दूसरे पर मनगढ़ंत आरोप लगाने का सुख है लेकिन सैन्य बलों की बात करने के दौरान हमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए.' पढ़ें पूरी चिट्ठी -
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                                        मनोहर पर्रिकर, रक्षामंत्री, ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल, Manohar Parrikar, Defence Minister, Mamta Banerjee, West Bengal
                            
                        