श्रीनगर:
श्रीनगर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) शिविर पर बुधवार को आत्मघाती हमले में मारे गए जवानों को गुरुवार को पुलिस नियंत्रण कक्ष में दी गई श्रद्धांजलि के दौरान राज्य के राजनेताओं की गैर-मौजूदी पर सीआरपीएफ के जवानों में आक्रोश नजर आया।
सीआरपीएफ के कई जवानों ने श्रद्धांजलि के दौरान गैर-मौजूद रहने वाले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के प्रति भी नाराजगी जताई।
सीआरपीएफ महानिदेशक प्रणय सहाय और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक अशोक प्रसाद की अगुआई में दोनों बलों के अधिकारियों एवं जवानों ने अपने इन दिवंगत सहयोगियों को श्रद्धांजलि दी। प्रणय और अशोक ने इन दिवंगत जवानों के शव उनके घर भेजे जाने से पहले उनपर पुष्प अर्पित किए।
उमर ने भी बाद में हवाई अड्डे जाकर इन जवानों के ताबूतों पर पुष्प अर्पित किये। केंद्रीय गृहराज्यमंत्री आरपीएन सिंह दिल्ली में पालम हवाई अड्डे पर शवों को लेने पहुंचे। यहां से ये शव उनके परिवारों के पास भेजे जाएंगे।
उधर, राज्य के नेताओं पर नाराजगी जहिर करते हुए एक जवान ने कहा, ‘‘हम अपने देश के लिये जान देते हैं, लेकिन हमारी जान का कोई महत्व नहीं। कम से कम मुख्यमंत्री को तो हमारे पास आना चाहिए था।’’ एक अन्य जवान ने कहा, ‘‘अगर पत्थर फेंकने की घटना या हिंसा में किसी आम नागरिक की मौत होती है तो वे (राजनेता) उनके घर जाते हैं, लेकिन हमारी जान का कोई महत्व नहीं है।’’
श्रद्धांजलि सभा के दौरान कुछ जवानों ने राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिये उन्हें हथियारों की जगह लाठियां देने पर सरकार के खिलाफ विरोध भी जताया। उन्होंने दावा किया कि कल मारे गए उनके अधिकतर साथियों के पास सिर्फ लाठियां थीं।
एक जवान ने कहा, ‘‘कल पांच जवानों के मारे जाने की मुख्य वजह यह है कि उनके पास हथियार नहीं थे। हमें लाठियां देकर तैनात किया जाता है। उन्हें जान की चिंता नहीं होती है।’’ उधर, कश्मीर में सीआरपीएफ के आईजी वीएस यादव ने इन कयासों का खंडन किया कि हमले के वक्त सुरक्षाकर्मियों के पास हथियार नहीं थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी एक मानक कार्यप्रणाली है और उसका पालन हुआ। संबंधित कंपनी (सीआरपीएफ) के एक तिहाई जवान हथियारबंद थे, एक तिहाई के पास दंगा निरोधक सामग्री और एक तिहाई के पास लाठियां थीं।’’
श्रीनगर के बेमिना इलाके में मौजूद शिविर पर कल दो आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया था, जिसमें सीआरपीएफ की 73वीं बटालियन के पांच जवान मारे गए और चार नागरिकों सहित 10 लोग घायल हो गए थे। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकवादी मारे गए।
हमले में मारे गए सुरक्षाकर्मियों में सहायक उपनिरीक्षक एबी सिंह और कांस्टेबल ओम प्रकाश, एल परमोल, सुभाष एवं सतीश शाह हैं।
सीआरपीएफ के कई जवानों ने श्रद्धांजलि के दौरान गैर-मौजूद रहने वाले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के प्रति भी नाराजगी जताई।
सीआरपीएफ महानिदेशक प्रणय सहाय और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक अशोक प्रसाद की अगुआई में दोनों बलों के अधिकारियों एवं जवानों ने अपने इन दिवंगत सहयोगियों को श्रद्धांजलि दी। प्रणय और अशोक ने इन दिवंगत जवानों के शव उनके घर भेजे जाने से पहले उनपर पुष्प अर्पित किए।
उमर ने भी बाद में हवाई अड्डे जाकर इन जवानों के ताबूतों पर पुष्प अर्पित किये। केंद्रीय गृहराज्यमंत्री आरपीएन सिंह दिल्ली में पालम हवाई अड्डे पर शवों को लेने पहुंचे। यहां से ये शव उनके परिवारों के पास भेजे जाएंगे।
उधर, राज्य के नेताओं पर नाराजगी जहिर करते हुए एक जवान ने कहा, ‘‘हम अपने देश के लिये जान देते हैं, लेकिन हमारी जान का कोई महत्व नहीं। कम से कम मुख्यमंत्री को तो हमारे पास आना चाहिए था।’’ एक अन्य जवान ने कहा, ‘‘अगर पत्थर फेंकने की घटना या हिंसा में किसी आम नागरिक की मौत होती है तो वे (राजनेता) उनके घर जाते हैं, लेकिन हमारी जान का कोई महत्व नहीं है।’’
श्रद्धांजलि सभा के दौरान कुछ जवानों ने राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिये उन्हें हथियारों की जगह लाठियां देने पर सरकार के खिलाफ विरोध भी जताया। उन्होंने दावा किया कि कल मारे गए उनके अधिकतर साथियों के पास सिर्फ लाठियां थीं।
एक जवान ने कहा, ‘‘कल पांच जवानों के मारे जाने की मुख्य वजह यह है कि उनके पास हथियार नहीं थे। हमें लाठियां देकर तैनात किया जाता है। उन्हें जान की चिंता नहीं होती है।’’ उधर, कश्मीर में सीआरपीएफ के आईजी वीएस यादव ने इन कयासों का खंडन किया कि हमले के वक्त सुरक्षाकर्मियों के पास हथियार नहीं थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी एक मानक कार्यप्रणाली है और उसका पालन हुआ। संबंधित कंपनी (सीआरपीएफ) के एक तिहाई जवान हथियारबंद थे, एक तिहाई के पास दंगा निरोधक सामग्री और एक तिहाई के पास लाठियां थीं।’’
श्रीनगर के बेमिना इलाके में मौजूद शिविर पर कल दो आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया था, जिसमें सीआरपीएफ की 73वीं बटालियन के पांच जवान मारे गए और चार नागरिकों सहित 10 लोग घायल हो गए थे। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकवादी मारे गए।
हमले में मारे गए सुरक्षाकर्मियों में सहायक उपनिरीक्षक एबी सिंह और कांस्टेबल ओम प्रकाश, एल परमोल, सुभाष एवं सतीश शाह हैं।
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