विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एनडीटीवी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में ये रेखांकित किया कि विश्व व्यवस्था में भारत की स्थिति, वैश्विक चुनौतियों से निपटने में इसकी भूमिका और ये कैसे वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में उभरा है. उन्होंने कहा कि 'पुरानी दुनिया' ने कुछ देशों और कंपनियों का पक्ष लिया है, हमें वो ऑर्डर नहीं चाहिए.
विदेश मंत्री ने कहा, "ग्लोबल साउथ जानता है कि वो ग्लोबल साउथ है. क्योंकि ग्लोबल साउथ विकास, आय और इतिहास का प्रतिबिंब है और दिल में एक जगह है. कोई भी कह सकता है कि हम ग्लोबल साउथ हैं, लेकिन क्या आप ऐसा व्यवहार करते हैं?"
उन्होंने कहा, "ग्लोबल साउथ वे हैं जो अपने सीमित संसाधनों के बावजूद दूसरे देशों के लिए काम करते हैं, क्योंकि हमें लगता है कि हम सभी एक परिवार का हिस्सा हैं और उनकी समस्या हमारी समस्या है."
एस जयशंकर ने कहा, "जब मैं देशों का दौरा करता हूं, तो देखता हूं कि पिछले कुछ सालों में कई देशों ने हमसे बात करना शुरू किया है. जब वे हमारी योजनाओं की दक्षता और पैमाने देखते हैं, तो वे इसे प्रेरणा के रूप में देखते हैं और महसूस करते हैं कि इसे दोहराया और किया जा सकता है."
भारत में क्षमता और सामर्थ्य है- विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया भारत आएगी, क्योंकि इसमें क्षमता और सामर्थ्य है. उन्होंने कहा, "जाहिर है, इसमें भू-राजनीति भी होगी, लेकिन हमारे लिए ये महत्वपूर्ण है कि हम देश में विनिर्माण बढ़ाने के तरीके ढूंढे. क्योंकि यह एक रोजगार समर्थक नीति है. हमारे लिए ये एक बड़ा अवसर है. दुनिया पारदर्शिता के साथ अधिक आपूर्ति श्रृंखला चाहती है.'' उन्होंने कहा कि भारत को ''चीन+1'' के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
NDTV ने 'जी-20 की अध्यक्षता ने भारत की वैश्विक स्थिति को कैसा आकार दिया', ये समझने की कोशिश के लिए मेगा एक्सक्लूसिव सीरीज़ #DecodingG20WithNDTV आयोजित किया था. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस कार्यक्रम में अपनी बात रखी.
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