कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार की ताजपोशी के बहाने बीजेपी के विरोधी दल एकजुट हुए.
नई दिल्ली:
कर्नाटक में कांग्रेस-जनता दल(सेक्युलर) गठबंधन सरकार की ताजपोशी के बहाने समग्र विपक्ष एकजुट हो गया. विपक्ष की एकता बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार (एनडीए) के लिए कड़ी चुनौती के रूप में सामने आई है. विपक्ष कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में यह संदेश देने में सफल रहा कि साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की डगर बीजेपी के लिए आसान नहीं होगी.
जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और कांग्रेस के जी परमेश्वर ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस समारोह में यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री और एचडी कुमारस्वामी के पिता एचडी देवेगौड़ा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती, आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के प्रमुख अजीत सिंह, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीआई (एम) के नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के वरिष्ठ नेता डी राजा, कांग्रेस के नेता व पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत विभिन्न दलों के कई दिग्गज नेता जुटे.
यह भी पढ़ें : एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के सीएम पद की शपथ ली, मंच पर दिखी विपक्षी एकजुटता की झलक
कुमारस्वामी और जी परमेश्वर के शपथ ग्रहण समारोह में पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक के विपक्षी दलों के नेता पहुंचे. कर्नाटक के विधानसभा परिसर में हुए शपथ समारोह में मौजूद नेताओं ने एक-दूसरे के हाथ थामकर एकजुटता का संदेश दिया. कर्नाटक में बीजेपी ने कांग्रेस-जीडीएस गठबंधन की ताजपोशी के विरोध में आज प्रदर्शन किया और दूसरी तरफ विधानसभा परिसर में एनडीए के विरोध में जुटे विपक्षी दलों ने अपना शक्ति प्रदर्शन कर डाला.
यह भी पढ़ें : कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार 3 महीने से ज्यादा नहीं चलेगी- बीएस येदियुरप्पा
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद बीजेपी को 104 सीटें मिलने के लिए कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने अपने चुनावी भाषणों में जेडीएस को यदि बीजेपी की 'बी टीम' न बताया होता तो नतीजा कुछ और होता. कांग्रेस ने थोड़ी सी भूल कर दी, जिसका फायदा बीजेपी को मिल गया. मायावती की बसपा और उसके पारंपरिक विरोधी दल समाजवादी पार्टी ने उत्तरप्रदेश में हुए लोकसभा उपचुनावों में गठबंधन किया और बीजेपी को इससे करारी पराजय का सामना करना पड़ा.
VIDEO : शपथ समारोह में विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन
यूपी के उपचुनावों के परिणामों का संदेश विपक्षी दलों के लिए प्रेरित करने वाला रहा. इसके साथ ही 2019 के लिए विपक्षी दलों के बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने के नए रास्ते तलाशे जाने लगे. कर्नाटक में विपक्षी दलों का एकजुट होना सिर्फ इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि ये दल दक्षिणपंथी भगवा ब्रिगेड के खिलाफ एकजुट हुए हैं, बल्कि इसलिए भी अहम है कि इसमें सीपीआई, सीपीएम, तृणमूल कांग्रेस, नेशलिस्ट कांग्रेस, बसपा, सपा जैसे दल भी शामिल हैं जिनमें हमेशा से वैचारिक मतभेद रहे हैं और इनमें से बहुत से आपस में प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. कांग्रेस के नेतृत्व में ये दल 2019 के चुनाव में बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती खड़ी कर सकते हैं.
जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और कांग्रेस के जी परमेश्वर ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस समारोह में यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री और एचडी कुमारस्वामी के पिता एचडी देवेगौड़ा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती, आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के प्रमुख अजीत सिंह, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीआई (एम) के नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के वरिष्ठ नेता डी राजा, कांग्रेस के नेता व पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत विभिन्न दलों के कई दिग्गज नेता जुटे.
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कुमारस्वामी और जी परमेश्वर के शपथ ग्रहण समारोह में पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक के विपक्षी दलों के नेता पहुंचे. कर्नाटक के विधानसभा परिसर में हुए शपथ समारोह में मौजूद नेताओं ने एक-दूसरे के हाथ थामकर एकजुटता का संदेश दिया. कर्नाटक में बीजेपी ने कांग्रेस-जीडीएस गठबंधन की ताजपोशी के विरोध में आज प्रदर्शन किया और दूसरी तरफ विधानसभा परिसर में एनडीए के विरोध में जुटे विपक्षी दलों ने अपना शक्ति प्रदर्शन कर डाला.
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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद बीजेपी को 104 सीटें मिलने के लिए कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने अपने चुनावी भाषणों में जेडीएस को यदि बीजेपी की 'बी टीम' न बताया होता तो नतीजा कुछ और होता. कांग्रेस ने थोड़ी सी भूल कर दी, जिसका फायदा बीजेपी को मिल गया. मायावती की बसपा और उसके पारंपरिक विरोधी दल समाजवादी पार्टी ने उत्तरप्रदेश में हुए लोकसभा उपचुनावों में गठबंधन किया और बीजेपी को इससे करारी पराजय का सामना करना पड़ा.
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यूपी के उपचुनावों के परिणामों का संदेश विपक्षी दलों के लिए प्रेरित करने वाला रहा. इसके साथ ही 2019 के लिए विपक्षी दलों के बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने के नए रास्ते तलाशे जाने लगे. कर्नाटक में विपक्षी दलों का एकजुट होना सिर्फ इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि ये दल दक्षिणपंथी भगवा ब्रिगेड के खिलाफ एकजुट हुए हैं, बल्कि इसलिए भी अहम है कि इसमें सीपीआई, सीपीएम, तृणमूल कांग्रेस, नेशलिस्ट कांग्रेस, बसपा, सपा जैसे दल भी शामिल हैं जिनमें हमेशा से वैचारिक मतभेद रहे हैं और इनमें से बहुत से आपस में प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. कांग्रेस के नेतृत्व में ये दल 2019 के चुनाव में बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती खड़ी कर सकते हैं.
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