नई दिल्ली:
2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई तो वीआईपी कल्चर खत्म करने की बड़ी बड़ी बातें हुई, विशिष्ट लोगों की सुरक्षा और उसपर होने वाले खर्चे का मुद्दा भी उठा. अब वहीं एक उच्च स्तरीय समिति की समीक्षा के बाद देश में नेताओं और वीआईपीज को मिलने वाली सुरक्षा का दायरा बढ़ाया गया है और अब देश में यूपीए सरकार के मुकाबले ज्यादा वीआईपीज़ हैं.
सरकार की नई लिस्ट के मुताबिक अभी देशभर में 475 से ज्यादा वीआईपी हैं जबकि यूपीए के वक़्त यह संख्या 330 थी. अभी 55 नेताओं और वीआईपी को ज़ेड प्लस सुरक्षा मिली है जो यूपीए सरकार के दौरान केवल 20 लोगों को मिली थी. जेड प्लस सुरक्षा में 35 - 40 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं. अभी 60 लोगों को जेड कैटेगरी की सुरक्षा मिली है जो यूपीए के दौर में 26 लोगों को मिली थी. जेड कैटेगरी में करीब 30 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं. वहीं वाई प्लस सुरक्षा 145 लोगों को मिली है. इसमें करीब 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं. एक्स कैटेगरी की सुरक्षा अभी 68 लोगों को मिली है जिसमें 2 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं. अभी केंद्र सरकार से 299 लोगों को सुरक्षा दी गई है जबकि यूपीए सरकार के समय केंद्र के 250 लोग शामिल थे.
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अभी देश में 15 हस्तियों को एनएसजी सुरक्षा मिली है उनमें केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, मायावती, एम करुणानिधि, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, फारूक़ अब्दुल्ला और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह शामिल हैं.
VIDEO: देश में वीआईपी लोगों की लिस्ट होगी छोटी
कुछ वीआईपीज से एनएसजी की सुरक्षा वापस ली जा सकती है जिनमें लालू प्रसाद, अखिलेश यादव का नाम शामिल है. एक्स और वाई कैटगरी में भी कमी हो सकती है. वहीं 75 लोगों को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है जिनमें अमित शाह, नितिन गडकरी, रमन सिंह और लालू प्रसाद के नाम शामिल हैं. वहीं उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती और सुप्रीम कोर्ट के जजों समेत 18 लोगों को आईटीबीपी की सुरक्षा मिली हुई है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू और वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत 75 लोगों को सीआईएसएफ की सुरक्षा दी गई है.
सरकार की नई लिस्ट के मुताबिक अभी देशभर में 475 से ज्यादा वीआईपी हैं जबकि यूपीए के वक़्त यह संख्या 330 थी. अभी 55 नेताओं और वीआईपी को ज़ेड प्लस सुरक्षा मिली है जो यूपीए सरकार के दौरान केवल 20 लोगों को मिली थी. जेड प्लस सुरक्षा में 35 - 40 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं. अभी 60 लोगों को जेड कैटेगरी की सुरक्षा मिली है जो यूपीए के दौर में 26 लोगों को मिली थी. जेड कैटेगरी में करीब 30 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं. वहीं वाई प्लस सुरक्षा 145 लोगों को मिली है. इसमें करीब 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं. एक्स कैटेगरी की सुरक्षा अभी 68 लोगों को मिली है जिसमें 2 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं. अभी केंद्र सरकार से 299 लोगों को सुरक्षा दी गई है जबकि यूपीए सरकार के समय केंद्र के 250 लोग शामिल थे.
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अभी देश में 15 हस्तियों को एनएसजी सुरक्षा मिली है उनमें केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, मायावती, एम करुणानिधि, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, फारूक़ अब्दुल्ला और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह शामिल हैं.
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कुछ वीआईपीज से एनएसजी की सुरक्षा वापस ली जा सकती है जिनमें लालू प्रसाद, अखिलेश यादव का नाम शामिल है. एक्स और वाई कैटगरी में भी कमी हो सकती है. वहीं 75 लोगों को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है जिनमें अमित शाह, नितिन गडकरी, रमन सिंह और लालू प्रसाद के नाम शामिल हैं. वहीं उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती और सुप्रीम कोर्ट के जजों समेत 18 लोगों को आईटीबीपी की सुरक्षा मिली हुई है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू और वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत 75 लोगों को सीआईएसएफ की सुरक्षा दी गई है.
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