नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के मशहूर अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) ने 'जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल' (Jaipur Literature Festival) में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. उन्होंने देश में विपक्ष की कमजोर भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का विरोध करने के लिए सभी राजनीतिक दल एकजुट नहीं हैं. इस वजह से वह सरकार पर दबाव बनाने में नाकाम हैं.
अभिजीत बनर्जी ने कार्यक्रम में कहा, 'एक अच्छे विपक्ष की गैरमौजूदगी की वजह से मोदी सरकार पर कोई दबाव नहीं है. सरकार वही कर रही है जो वो सोचती है कि सही है. ये एक तरह से गलत हालात हैं. लोकतंत्र वहां सही तरीके से काम करता है, जहां विपक्ष मजबूत होता है. वो (विपक्षी दल) एकजुट नही हैं और उनके कई गुट हैं. ऐसे में स्थायी विपक्ष के द्वारा जो दबाव बनाया जाता है वो अभी बन नहीं पा रहा है.'
'जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल' में अभिजीत बनर्जी ने भारत में गरीबी पर भी बात की. उन्होंने कहा, 'पिछले 30 वर्षों में देश से गरीबी काफी हद तक कम हुई है. 1990 में गरीबी की दर 40 फीसदी थी और अब ये 20 फीसदी से कम है. आबादी बढ़ने के हिसाब से ये सही है.' उन्होंने आगे कहा, 'पिछले दो महीनों में अर्थव्यवस्था में सुधार के सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं लेकिन मैं कह नहीं सकता कि ये कब तक चलेगा क्योंकि अभी लेटेस्ट डेटा आने वाला है.' फाइनेंस सेक्टर पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, 'फाइनेंस सेक्टर के बारे में हमें चिंतित होना चाहिए. बैंकिंग सेक्टर तनाव में है. सरकार इसे तनाव से बाहर निकालने की स्थिति में नहीं है. हम जानते हैं कि मांग में कटौती हो रही है, कारें नहीं बिक रही हैं. ये सभी इस बात के संकेत हैं कि लोगों में विश्वास की कमी है.'
VIDEO: बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम हो: अभिजीत बनर्जी
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