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This Article is From Oct 09, 2014

वाड्रा-डीएलएफ भूमि सौदे को हरियाणा सरकार की मंजूरी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं : चुनाव आयोग

वाड्रा-डीएलएफ भूमि सौदे को हरियाणा सरकार की मंजूरी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं : चुनाव आयोग
रॉबर्ट वाड्रा की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने बुधवार रात कहा कि रॉबर्ट वाड्रा और रीयल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच हुए भूमि सौदे को हरियाणा सरकार से मिली मंजूरी से चुनाव आचार संहिता का किसी तरह का उल्लंघन हुआ प्रतीत नहीं होता है।

बीजेपी के चुनाव प्रकोष्ठ द्वारा लगाए गए आरोप के जवाब में चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा, ...चुनाव आचार संहिता के 12 सितंबर को प्रभावी होने के बाद इस विषय में हरियाणा सरकार द्वारा आचार संहिता का किसी तरह का उल्लंघन किए जाने की कोई बात नजर नहीं आती। हरियाणा में 15 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में आचार संहिता लागू है।

वाड्रा के मालिकाना हक वाली कंपनी द्वारा डीएलएफ को बेची गई जमीन के दाखिल खारिज को हरियाणा सरकार की मंजूरी मिलने से चुनाव माहौल वाले राज्य में विवाद छिड़ गया है।

चुनाव आयोग के दो पृष्ठों वाले आदेश में कहा गया है कि 7 अक्टूबर की तारीख वाली रिपोर्ट हरियाणा सरकार के वित्तीय आयुक्त और प्रधान सचिव को मिली थी, जिसमें कहा गया है कि डीएलएफ लिमिटेड के पक्ष में लाइसेंस के नवीकरण और हस्तांतरण के अनुरोध पर फैसला विभाग में अक्टूबर, 2012 से लंबित है, जिसके तहत मालिकाना हक के मुद्दे के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गई थी।

आयोग ने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण योजना विभाग ने भूमि चकबंदी एवं भूमि रिकॉर्ड विभाग के महानिदेशक से यह स्पष्टीकरण मांगा था, जो अभी तक नहीं मिला है। आयोग ने राज्य सरकार का हवाला देते हुए कहा है कि इसलिए लाइसेंस का हस्तांतरण और नवीकरण का अनुरोध विभाग में लंबित है, जिस पर तब से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

हरियाणा सरकार के वित्तीय आयुक्त ने चुनाव आयोग को यह भी बताया है कि शहरी एवं ग्रामीण योजना विभाग में इस विषय पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, न तो चुनाव आचार संहिता के लागू रहने के दौरान, न ही इसके लागू होने से पहले किया गया। चुनाव आयोग ने कहा कि राज्य सरकार के चकबंदी निदेशक ने ऐसा ही जवाब दिया। चुनाव आयोग ने बीजेपी चुनाव प्रकोष्ठ के संयोजक आर रामकृष्ण से कहा है कि हरियाणा के मुख्य सचिव ने भी इस विषय में उपरोक्त तथ्यात्मक स्थिति की पुष्टि की है।

चुनाव आयोग ने कहा कि यदि रामकृष्ण के पास कोई और या अतिरिक्त सूचना है, तो वह इसे चुनाव आयोग को मुहैया कर सकते हैं। इस सौदे को चुनाव प्रक्रिया के दौरान मंजूरी मिलने के बीजेपी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने रिपोर्ट मांगी थी। आयोग ने इस सिलसिले में मीडिया में आई खबरों पर भी संज्ञान लिया था।

गौरतलब है कि 15 अक्टूबर को हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता 12 सितंबर से ही प्रभावी हो गई है, जब चुनाव प्रक्रिया की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चुनाव आयोग से कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए भूमि सौदे को भूपिंदर सिंह हुड्डा नीत हरियाणा सरकार से मिली मंजूरी को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया था कि ऐसा आनन-फानन में किया गया, क्योंकि सत्तारूढ़ कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में हार का डर सता रहा है।

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