जनसंख्या नीति पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि जनसंख्या नियंत्रण की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि देश पहले ही प्रतिस्थापन दर हासिल कर चुका है.
ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा, 'यदि हिंदुओं और मुसलमानों का एक ही डीएनए है तो असंतुलन कहां है? जनसंख्या नियंत्रण की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमने पहले ही प्रतिस्थापन दर हासिल कर ली है. आबादी और बेरोजगार युवाओं को लेकर है जो बुजुर्गों की सहायता नहीं कर सकते. मुसलमानों की प्रजनन दर में सबसे तेज गिरावट आई है.”
भागवत ने आज नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को व्यापक सोच के बाद जनसंख्या नीति तैयार करनी चाहिए और यह सभी समुदायों पर समान रूप से लागू होनी चाहिए. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि समुदाय आधारित जनसंख्या असंतुलन एक महत्वपूर्ण विषय है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में एक बार फिर जनसंख्या, मंदिर, जातिवाद जैसे मुद्दों का जिक्र किया. भागवत ने कहा- 'बढ़ती हुई आबादी में हम धार्मिक असंतुलन को नजरंदाज नहीं कर सकते. मोहन भागवत ने आगे कहा, 'जनसंख्या जितनी अधिक होगी बोझ उतना ही ज्यादा होगा. हमको यह देखना होगा कि हमारा देश 50 साल के बाद कितने लोगों को खिला और झेल सकता है. इसलिए जनसंख्या की एक पॉलिसी बने और वह सब पर समान रूप से लागू हो.'
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