रक्षामंत्री एके एंटनी ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा घोटाले में अगस्तावेस्टलैंड कंपनी के साथ कानूनी लड़ाई में नहीं पड़ने का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि कंपनी की ओर से शुरू की गई मध्यस्थता प्रक्रिया में भारत के शामिल होने का कोई सवाल नहीं है।
वायु सेना के साथ 3,600 करोड़ रुपये के सौदे को निरस्त करने के लिए रक्षा मंत्रालय कंपनी को नोटिस जारी कर चुका है। अगस्तावेस्टलैंड ने मामले में मध्यस्थता के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्णा को नामित किया है जिसके तत्काल बाद एंटनी की प्रतिक्रिया आई।
उन्होंने कहा, ‘कोई सवाल नहीं उठता। हमारा रुख साफ है कि मध्यस्थता का कोई सवाल नहीं है। हमने उन्हें पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया है। उन्हें जवाब देने दें। हम उनके जवाब के बाद में फैसला करेंगे।’
अगस्तावेस्टलैंड ने अपने सौदे के निरस्त होने के खतरे के बीच वायु सेना को 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए हुए सौदे में मध्यस्थता की प्रक्रिया को शुरू किया है। कंपनी ने अपनी तरफ से उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्ण को 20 नवंबर को नामित किया। कंपनी के अधिकारियों के एक दल ने अपना पक्ष रखने के लिए रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से भी मुलाकात की थी।
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