उत्तर प्रदेश के हाथरस (Harthras) में 20 साल की युवती के साथ हुई दरिंदगी को लेकर देशभर में आक्रोश है. कई शहरों में इस घटना के खिलाफ लोग सड़कों आ गए. कई राजनीतिक दलों ने इसके जरिए राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर निशाना साधा है. दिल्ली के इंडिया गेट पर इस घटना के खिलाफ कोई बड़ा प्रदर्शन ना हो इसे लेकर दिल्ली पुलिस सर्तक हो गई है.
इंडिया गेट (India Gate) और उसके आसपास में शुक्रवार (2 अक्टूबर) को किसी भी तरह के बड़े विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि, कुल 100 लोग इंडिया गेट से 3 किमी दूर जंतर मंतर पर जमा हो सकते हैं, अगर उनके पास "सक्षम प्राधिकारी" की अनुमति है तो.
दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया, "सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने के कारण इंडिया गेट के आसपास कोई सभा नहीं होने दी जा रही है"
The general public is hereby informed that in view of DDMA order dated 03.09.2020 a total gathering upto 100 persons is permissible at the designated place i.e. Jantar Mantar and that too with prior permission of the competent authority.
— DCP New Delhi (@DCPNewDelhi) October 1, 2020
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस की 20 वर्षीय युवती के लिए कल इंडिया गेट पर एक विरोध सभा की योजना बनाई गई थी, जिसके साथ हुए सामूहिक बलात्कार और क्रूर अत्याचार ने निर्भया कांड की कई याद दिला दी.
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2 अक्टूबर गांधी जयंती का दिन इस विरोध प्रदर्शऩ के लिए चुनना महत्वपूर्ण है. क्योंकि गांधी देश के उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्होंने देश के वंचित वर्ग के लिए आवाज उठाने का काम किया था. बता दें कि दो सप्ताह तक अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ने के बाद अनुसूचित जाति की युवती का दिल्ली के एक अस्पताल में 29 सितंबर को निधन हो गया था.
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