
कांग्रेस बिहार में जदयू की सरकार में एक घटक है.(फाइल फोटो)
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बिहार की तर्ज पर राष्ट्रीय क्षितिज पर महागठबंधन की सुगबुगाहट
जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव, विपक्ष की तरफ से साझा प्रत्याशी पर जोर
नीतीश ने दी कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह-हमें अपना एजेंडा सेट करने की जरूरत
वैसे भी नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर पीएम नरेंद्र मोदी से मुकाबला करने के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों के महागठबंधन के लिए आह्वान करते रहे हैं, जैसा कि बिहार चुनाव से पहले किया गया था. बीजेपी से हार के बाद वैसे भी कांग्रेस इस वक्त 'आत्ममंथन' कर रही है. इसी कड़ी में सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी को सलाह देते हुए कहा, ''नरेंद्र मोदी पर प्रतिक्रिया देने के बजाय हम लोगों को अपना एजेंडा खुद तय करना चाहिए.'' कमोबेश ऐसी ही सलाह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी नीतीश कुमार दे चुके हैं.
उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से हालिया दौर में सार्वजनिक रूप से ज्यादा सक्रिय नहीं दिखाई दी हैं. यहां तक कि यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान भी वह गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली सीटों अमेठी और रायबरेली में भी प्रचार करने नहीं जा सकीं. यहां की कुल 10 सीटों में से कांग्रेस केवल दो ही जीतने में कामयाब रही. उनकी पिछली सार्वजनिक उपस्थिति यूपी चुनावों से पहले वाराणसी में एक रैली में दिखाई दी थी जहां वह बीमार हो गई थीं और बीच रास्ते से ही उनको दिल्ली लौटना पड़ा था.
इस मुलाकात को जुलाई में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों के लिहाज से भी जोड़कर देखा जा रहा है. इस संबंध में जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की तरफ से साझा प्रत्याशी की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया. केसी त्यागी ने कहा, ''सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी की नेता होने के कारण सोनिया गांधी को इस मसले पर अगुआई करनी चाहिए.'' केसी त्यागी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने वाम दलों से भी इस मसले पर चर्चा की है और उनको सकारात्मक रिस्पांस मिला है.
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