सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुक्रवार को एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा विधानसभा में उठाया. नीतीश कुमार विधानसभा में राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के राज्य में पेंशन से लाभान्वित लोगों की समस्या पर उठाए गए सवालों का जवाब दे रहे थे. सिद्दीकी ने कहा कि राज्य में पेंशन की राशि तमिलनाडु ,आंध्र प्रदेश, हरियाणा जैसे राज्यों के समान क्यों नहीं की जाती. इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि आप भी वित्तमंत्री रहे हैं और जिन राज्यों से आपने तुलना की है, वो विकसित राज्यों की श्रेणी में आते हैं.
नीतीश ने कहा कि आप जाकर उन राज्यों के रेवेन्यू के बारे में पता कर लीजिये. वहां जो प्रति व्यक्ति आय है वो राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है, जबकि बिहार अभी भी राष्ट्रीय औसत से कम है. नीतीश ने कहा कि तुलना गलत है और राष्ट्रीय औसत तक पहुंचा जाए इसीलिए हम बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हैं. हालांकि नीतीश कुमार ने कहा कि जितना सामर्थ्य आर्थिक आधार पर राज्य का है, उसके हिसाब से लोगों की सहायता की जा रही है.
बिहार: स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में बड़ा घोटाला, सरकार को लगाई 3 करोड़ की चपत
नीतीश ने कहा, 'बिहार में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले हों या ऊपर सभी के लिए मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना और राष्ट्रीय औसत तक पहुंच जाए, इसीलिए हम बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हैं. हालांकि नीतीश कुमार ने कहा कि आर्थिक आधार पर राज्य में इतनी सामार्थ्य तो है कि उसके हिसाब से लोगों की सहायता की जा रही है. इसलिए बिहार में मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना की शुरुआत की गई है जिस पर हर वर्ष अट्ठारह सौ करोड़ का ब्याज होगा. फ़िलहाल इस योजना के अंतर्गत एक लाख से भी ज़्यादा लोगों को पेंशन दी जा रही है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं