निर्भया केस (Nirbhaya Case) में पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों का डेथ वारंट जारी करने से इनकार कर दिया है. वहीं, निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की केंद्र और दिल्ली सरकार की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई की. याचिका पर सुनवाई करते हुए चारों दोषियों को नोटिस जारी करते हुए, जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कि हाईकोर्ट का सात दिन का समय 11 फरवरी को खत्म हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 11 फरवरी को दो बजे सुनवाई करेगा.
निर्भया मामला : राष्ट्रपति ने दोषी अक्षय कुमार सिंह की दया याचिका भी खारिज की
कोट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया एक चार्ज देकर बताया कि फिलहाल स्टेटस क्या है? मेहता ने कहा कि अदालत को कानून का सवाल तय करना है. हाईकोर्ट से हमें आंशिक राहत मिली है. तीन दोषियों के सारे उपचार पूरे हो चुके हैं. पवन गुप्ता ने क्यूरेटिव और दया याचिका नहीं लगाई है. अक्षय, विनय और पवन ने निचली अदालत में अर्जी दाखिल की थी. जिसमें उन्होंने कहा कि सभी दोषियों को एक साथ ही फांसी हो सकती है अलग अलग नहीं.
साथ ही उन्होंने कहा, सवाल ये है कि क्या एक दोषी के सोचे समझे तरीके से देरी करने से उन दोषियों को भी फायदा हो जो अपने सारे उपचार पूरे कर चुके हैं. पवन के पास उपाय बचा है दया याचिका के तौर पर. क्या केवल एक दोषी के लिए सभी दोषियों को राहत दी जा सकती है? साथ ही तुषा मेहत ने कहा कि निचली अदालत ने गलत तरीके से प्रिजन रूल को अप्लाई किया, जिसके खिलाफ हम हाईकोर्ट में सफल हुए.
निर्भया मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा हाईकोर्ट ने कितना समय दिया है? तो कोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट ने उपाय पूरे करने के लिए एक हफ्ता दिया है. जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि किसी भी दोषी को अपने उपचार लेने के लिए विवश नहीं किया जा सकता. अगर वो उपाय नहीं करना चाहता तो नहीं करना चाहता.
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