म्यांमार की सीमा से लगे पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में बढ़े जातीय तनाव के बीच कथित तौर पर मंगलवार को दो समूहों के बीच चार स्थानों पर जमकर गोलीबारी हुई. इस घटना में नौ लोग घायल हो गए. इनमें से आठ लोग एक ही स्थान पर हुई गोलीबारी में घायल हुए. पहली गोलीबारी सुबह 10.30 से 11 बजे के बीच राज्य की राजधानी इंफाल से 15 किमी दूर फेयेंग गांव से सटे कांगचुप गांव में हुई. मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले लोगों ने इंफाल से फोन पर एनडीटीवी को इसकी जानकारी दी.
सूत्रों ने बताया कि घाटी के कुछ लोग दो युवकों की तलाश कर रहे थे. 16 वर्षीय एक किशोर और एक 19 वर्षीय युवक रविवार को लापता हो गया. इस घटना के कारण इंफाल में ताजा विरोध प्रदर्शन हुआ.
सूत्रों ने कहा कि कथित गुमशुदगी और अपहरण तथा दावों और प्रतिदावों ने तनाव बढ़ा दिया है और इनके संयोजन से आज की घटनाएं होने की संभावना है.
पुलिस ने कहा कि कुकी रिवोल्यूशनरी आर्मी (यूनिफिकेशन) के दो विद्रोहियों को दो युवकों के लापता होने में शामिल होने के संदेह में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले आज, कांगचुप के पास पहाड़ियों में संदिग्ध विद्रोहियों ने उन लोगों पर गोलीबारी की, जो घाटी के दो युवाओं की तलाश कर रहे थे, इसमें आठ लोग घायल हो गए.
इसके बाद, मंगलवार सुबह लगभग उसी समय, कांगचुप से सिर्फ 2 किमी दूर कौत्रुक गांव की ओर पहाड़ियों से कुछ लोगों पर गोलीबारी की गई.
सूत्रों ने कहा कि कांगचुप गांव में हमले के लगभग उसी समय थौबल जिले के मफौ बांध में एक और गोलीबारी हुई, जो पर्यटकों के बीच लोकप्रिय एक सुरम्य क्षेत्र है. सूत्रों ने बताया कि गोलीबारी की चौथी घटना नंबोल इरेंगबाम में दोपहर दो बजे हुई.
वे सभी क्षेत्र जहां गोलीबारी हुई, वे निकट या तलहटी में हैं, जहां जंगली पहाड़ियां हैं, जहां से कृषि क्षेत्र दिखाई देते हैं. पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी जनजातियों और घाटी-बहुसंख्यक मैतेई लोगों के बीच जातीय तनाव अभी भी बना हुआ है. छह महीने से अधिक समय से दोनों समुदायों के बीच झड़पों में लगभग 180 लोग मारे गए और हजारों लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो गए हैं.
आज गोलीबारी की घटनाओं के कथित दृश्यों में एक पुरुष और एक महिला को गोलियों के बीच एक मैदान के पास सड़क पर लेटे हुए दिखाया गया है, उनके पास से गुजरती गोलियों की तेज़ तड़तड़ाहट भी सुनाई देती है. किसान बताई जा रही महिला की पीठ पर गोली लगी है.
On 07.11.2023, at Kangchup Chingkhong, a Bolero carrying five individuals belonging to Kuki community (2 women and 3 men) en-route from Churachandpur to Leimakhong was confronted by an enraged mob. The mob forcibly took away four of them, while one escaped. One person from the…
— Manipur Police (@manipur_police) November 7, 2023
दर्द से रो रही महिला पूछती सुनाई दे रही है, "क्या हम मरने वाले हैं?" वहीं दूर से कुछ लोगों से मदद के लिए चिल्लाते हुए एक शख्स ने कहा, "इमा (मां) हम नहीं मरेंगे. मदद की प्रतीक्षा करें."
आईटीएलएफ ने बयान में सुरक्षाबलों से अपील की कि वे कांगपोकपी जिले से कथित तौर पर अपहरण किए गए चार नागरिकों को बचाने के लिए तुरंत एक अभियान शुरू करें.
सीआरपीएफ-आईटीएलएफ ने बयान में कहा, "पांच आदिवासी नागरिक यात्रा कर रहे थे, जब उन पर बंदूकधारियों ने हमला कर दिया. इसमें हाथापाई में 65 वर्षीय मंगलुन हाओकिप घायल हो गए और बेहोश हो गए. उन्हें मरा हुआ समझकर, उन्हें पीछे छोड़ दिया. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मियों ने बाद में उसे ढूंढा और लीमाखोंग पहुंचाया. उसकी चोटों की गंभीरता के कारण, उसे पड़ोसी राज्य में हवाई मार्ग से ले जाया गया है."
इसमें कहा गया कि दो महिलाएं और दो पुरुषों को को घाटी में बंदी बना लिया गया.
जबकि कुकी जनजातियों ने आरोप लगाया है कि मैतेई युवा समूह अरामबाई तेंगगोल ने हथियार उठाए हैं और अन्य घाटी-आधारित समूहों ने जातीय हिंसा में भाग लिया है, मैतेई लोगों ने बड़ी संख्या में कुकी विद्रोहियों की मैतेई गांवों पर हमलों में कथित संलिप्तता की ओर इशारा किया है.
मणिपुर की स्थिति के कारण आलोचना हो रही है कि एसओओ समझौते के बुनियादी नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया गया है.
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