पाकिस्तान के लिए कथित रूप से जासूसी करने को लेकर चेन्नई में गिरफ्तार किए गए श्रीलंकाई नागरिक का एनआईए के एक दल ने उसकी गिरफ्तारी से पहले कई सप्ताह तक पीछा किया था और जांच एजेंसी के पास उसके विरुद्ध कार्रवाई के लिए ठोस सबूत है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार एनआईए के दल ने कई सप्ताह तक अरुण सेल्वाराजन द्वारा मोबाइल फोन पर की गई बातचीत की रिकार्डिंग की और उसे उच्च प्रौद्योगिकी निगरानी में रखा गया।
एक अधिकारी ने कहा, 'कई सप्ताह की निगरानी के बाद यह स्पष्ट हो गया कि उसके मंसूबे अवैध और राष्ट्र-विरोधी हैं तथा वह बैरी पड़ोसी को उसके नापाक इरादे में मदद पहुंचाना चाहता था।'
रिकॉर्ड की गई इस बातचीत से पर्याप्त सुराग मिला कि पाकिस्तान 'नए रास्तों' के माध्यम से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने दक्षिण भारत में मोड्यूल स्थापित करने की दिशा में गंभीर रूप से लगा हुआ है।
अधिकारी ने कहा, 'वास्तव में, अरुण ने न्यायेत्तर ढंग से कबूल किया कि उसने कोलंबो के पाकिस्तान उच्चायोग में अपने आकाओं की शह पर काम किया और इसे साबित करने के लिए पर्याप्त अभियोजनयोग्य सामग्री सबूत हैं।'
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