नई दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने माओवादी विचारधारा के नाम पर ‘‘भोले भाले युवाओं'' को कट्टरपंथी बनाने में भूमिका के लिए एक व्यक्ति के खिलाफ शुक्रवार को आरोपपत्र दाखिल किया. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. एनआईए ने मई 2021 में आंध्र प्रदेश के मंचिंगपुट नक्सली साजिश मामले में मूल आरोपपत्र दाखिल किया था.
बयान में कहा गया कि रामक्कागिरी चंद्रा आठवां आरोपी है, जिसके खिलाफ ‘‘माओवादी विचारधारा के नाम पर भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) को समर्थन देने'' से संबंधित मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया है.
विशाखापत्तनम में विशेष एनआईए अदालत के समक्ष दाखिल अपने पहले पूरक आरोपपत्र में एजेंसी द्वारा चंद्रा पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं. एनआईए ने बयान में कहा कि चंद्रा प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़े संगठन प्रगतिशील कार्मिक समाख्या (पीकेएस) की राज्य समिति का सदस्य था.
एनआईए की जांच से पता चला कि चंद्रा ने संगठन की गतिविधियों के प्रसार के लिए भाकपा (माओवादी) के भूमिगत नेताओं के साथ साजिश रची थी.
बयान में कहा गया है कि भाकपा (माओवादी) से जुड़े संगठनों और कैडर के साथ मिलकर साजिश के तहत, उसने आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के कुटीगल्ला गांव में मारे गए माओवादी नेता एस ए रऊफ की एक प्रतिमा का भी निर्माण कराया था. एनआईए ने कहा कि चंद्रा के पास प्रतिबंधित संगठन द्वारा उपलब्ध कराई गई एक पिस्तौल और गोला-बारूद भी पाया गया. इस मामले में 2021 में सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था. चंद्रा मामले में आठवां आरोपी है, जिसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया. एजेंसी ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन पर एनआईए की कार्रवाई के तहत मामले में आगे जांच जारी है.
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