महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
मुंबई:
कुपोषण से महाराष्ट्र में जारी मौतों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भेजा है. आयोग ने हालात पर राज्य सरकार को 4 दिन में खुलासा करने को कहा है.
महाराष्ट्र में 1 अप्रैल 2015 से जुलाई 2016 के अंत तक 683 बच्चों की कुपोषण से मौत होने की बात सामने आयी है. यह आंकड़ा सरकारी दस्तावेज से सामने आया है. जिसको लेकर राज्य में विपक्ष ने पहले ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
महाराष्ट्र की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने बुधवार को कुपोषण से प्रभावित पालघर ज़िले के जव्हार-मोखाड़ा इलाके का दौरा किया. ये राज्य का आदिवासी बहुल इलाका है. इस दौरे के पीछे का मक़सद बताते हुए मंत्री मुंडे ने बताया था कि सरकार की आदिवासी बच्चों के लिए जारी योजनाओं का मुआयना करने के लिए वे यह दौरा कर रही हैं.
उधर मंत्री महोदया के दौरे के जारी रहते ही राहुल वाडकर नामक आदिवासी बच्चे की मौत हो गयी. इस घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है.
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटील ने कहा है कि मंत्री के दौरे के बीच कुपोषण से एक बच्चे की मौत और दूसरे ही दिन NHRC का इस मुद्दे पर सरकार को भेजा गया नोटिस बताता है कि मामले को लेकर सरकार कितनी उदासीन है. ऐसे में अब मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को ही हालात संभालने के लिए हस्तक्षेप करना होगा.
महाराष्ट्र में 1 अप्रैल 2015 से जुलाई 2016 के अंत तक 683 बच्चों की कुपोषण से मौत होने की बात सामने आयी है. यह आंकड़ा सरकारी दस्तावेज से सामने आया है. जिसको लेकर राज्य में विपक्ष ने पहले ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
महाराष्ट्र की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने बुधवार को कुपोषण से प्रभावित पालघर ज़िले के जव्हार-मोखाड़ा इलाके का दौरा किया. ये राज्य का आदिवासी बहुल इलाका है. इस दौरे के पीछे का मक़सद बताते हुए मंत्री मुंडे ने बताया था कि सरकार की आदिवासी बच्चों के लिए जारी योजनाओं का मुआयना करने के लिए वे यह दौरा कर रही हैं.
उधर मंत्री महोदया के दौरे के जारी रहते ही राहुल वाडकर नामक आदिवासी बच्चे की मौत हो गयी. इस घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है.
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटील ने कहा है कि मंत्री के दौरे के बीच कुपोषण से एक बच्चे की मौत और दूसरे ही दिन NHRC का इस मुद्दे पर सरकार को भेजा गया नोटिस बताता है कि मामले को लेकर सरकार कितनी उदासीन है. ऐसे में अब मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को ही हालात संभालने के लिए हस्तक्षेप करना होगा.
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