नई दिल्ली:
हिंडन, काली और कृष्णा नदी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सितंबर में एनडीटीवी ने बागपत के बीमार गांव की कहानी दिखाई थी। इन तीनों नदियों को पुनर्जीवित करने को लेकर इमरजेंसी प्लान बनाने के लिए एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर एनजीटी ने भारत सरकार, यूपी सरकार, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को नोटिस जारी किया है।
इन नदियों का पानी पीना तो दूर, नहाने लायक भी नहीं है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नोटिस के जवाब में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने यह बात दिसंबर महीने में मानी थी।
दरअसल एनडीटीवी ने 30 सितंबर को हिंडन, काली और कृष्णा नदियों में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बागपत के एक बीमार गांव की कहानी दिखाई थी। अब एनजीओ 'जय हिंद' ने इन नदियों को लेकर इमरजेंसी प्लान की याचिका डाली, जिस पर नोटिस जारी किए गए हैं।
'जय हिंद' एनजीओ के वकील गौरव बंसल ने बताया कि अब बात आगे की होनी चाहिए। जब ये बात मान ली गई कि पानी खतरनाक है, तब तो नदियों को पुनर्जीवित करने की ही बात होनी चाहिए। और यही सोचकर याचिका डाली।
एनडीटीवी इंडिया ने बताया था कि इन नदियों के प्रदूषित होने की वजह से लोग तरह-तरह की बीमारी के शिकार हो रहे हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 14 जुलाई को है।
इन नदियों का पानी पीना तो दूर, नहाने लायक भी नहीं है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नोटिस के जवाब में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने यह बात दिसंबर महीने में मानी थी।
दरअसल एनडीटीवी ने 30 सितंबर को हिंडन, काली और कृष्णा नदियों में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बागपत के एक बीमार गांव की कहानी दिखाई थी। अब एनजीओ 'जय हिंद' ने इन नदियों को लेकर इमरजेंसी प्लान की याचिका डाली, जिस पर नोटिस जारी किए गए हैं।
'जय हिंद' एनजीओ के वकील गौरव बंसल ने बताया कि अब बात आगे की होनी चाहिए। जब ये बात मान ली गई कि पानी खतरनाक है, तब तो नदियों को पुनर्जीवित करने की ही बात होनी चाहिए। और यही सोचकर याचिका डाली।
एनडीटीवी इंडिया ने बताया था कि इन नदियों के प्रदूषित होने की वजह से लोग तरह-तरह की बीमारी के शिकार हो रहे हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 14 जुलाई को है।
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