
आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर.
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पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख नौ मई से पहले जवाब देने को कहा है
उनका बयान स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय में हस्तक्षेप है.
कार्यक्रम को शुरुआत में ही रोका जाना चाहिए था
एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख नौ मई से पहले रविशंकर से जवाब देने को कहा है.
सामाजिक कार्यकर्ता मनोज मिश्रा द्वारा दायर याचिका में रविशंकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा गया है कि उनका बयान स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय में हस्तक्षेप है.
एओएल की वेबसाइट पर जारी एक बयान के अनुसार रविशंकर ने कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति देने के लिए सरकार और एओएल को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि उनके फाउंडेशन ने एनजीटी समेत सभी जरूरी मंजूरी प्राप्त की थी और नदी अगर इतनी ही साफ थी तो कार्यक्रम को शुरआत में ही रोका जाना चाहिए था. मिश्रा ने अधिवक्ता रित्विक दत्ता और राहुल चौधरी के जरिये याचिका दायर की है.
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