जयपुर:
सलमान रुश्दी जयपुर साहित्य समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे या नहीं अब इस पर भी सवाल खड़ा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक राजस्थान सरकार चाहती है कि रुश्दी कॉन्फ्रेंसिंग के पहले यह वादा करें कि वह अपनी विवादित किताब सैटेनिक वर्सेज के अंश नहीं पढ़ेंगे। अगर वह ऐसा वादा करते हैं, तभी उनके वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को अनुमति मिलेगी।
सूत्रों के मुताबिक रुश्दी इसके लिए शायद ही तैयार हो। पहले कट्टरपंथियों के विरोध, फिर जान के खतरे की बात सामने आने पर रुश्दी ने अपना जयपुर दौरा रद्द कर दिया था। इसके बाद ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए साहित्य समारोह को संबोधित करने की बात सामने आई थी।
उधर, जयपुर में चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा ले रहे लेखकों ने रुश्दी की विवादित किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' पर से प्रतिबंध खत्म करने की मांग की है।
इन लेखकों ने अपनी अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थन में ये मांग उठाई है। इनका कहना है कि भारत में कई साल से प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन अब हालात बदल गए हैं, ऐसे में सरकार को प्रतिबंध हटाने के बारे में फिर से सोचना चाहिए। इस किताब में लिखी रुश्दी की बातों से मुस्लिम समाज खफा है। लेखकों का कहना है कि इस किताब ने कहीं भी हिंसा को नहीं भड़काया, लेकिन राजनीतिक हित साधने के लिए इसका इस्तेमाल होता रहा है।
सूत्रों के मुताबिक रुश्दी इसके लिए शायद ही तैयार हो। पहले कट्टरपंथियों के विरोध, फिर जान के खतरे की बात सामने आने पर रुश्दी ने अपना जयपुर दौरा रद्द कर दिया था। इसके बाद ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए साहित्य समारोह को संबोधित करने की बात सामने आई थी।
उधर, जयपुर में चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा ले रहे लेखकों ने रुश्दी की विवादित किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' पर से प्रतिबंध खत्म करने की मांग की है।
इन लेखकों ने अपनी अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थन में ये मांग उठाई है। इनका कहना है कि भारत में कई साल से प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन अब हालात बदल गए हैं, ऐसे में सरकार को प्रतिबंध हटाने के बारे में फिर से सोचना चाहिए। इस किताब में लिखी रुश्दी की बातों से मुस्लिम समाज खफा है। लेखकों का कहना है कि इस किताब ने कहीं भी हिंसा को नहीं भड़काया, लेकिन राजनीतिक हित साधने के लिए इसका इस्तेमाल होता रहा है।
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