सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
न्यायमूर्ति जे . चेलमेश्वर की सेवानिवृति के दो दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीशों को मामलों के आवंटन को लेकर नया रोस्टर जारी कर दिया है. जारी किया गया नया रोस्टर दो जुलाई से प्रभावी होगा. पहले के रोस्टर की तरह ही इस बार के रोस्टर में भी कहा गया है कि प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ सभी जनहित याचिकाओं , सामाजिक न्याय , चुनाव , बंदी प्रत्यक्षीकरण और अदालत की अवमानना से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. जबकि 22 जून को न्यायमूर्ति चेलमेश्वर की सेवानिवृति के बाद सीजेआई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हो चुके न्यायमूर्ति रंजन गोगोई श्रम कानूनों , अप्रत्यक्ष करों , पर्सनल लॉ और कंपनी कानून से जुड़े मामलों की सुनवाई करने का अधिकार दिया गया है.
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इस अधिसूचना में उन मामलों की सूची है जिनकी सुनवाई प्रधान न्यायाधीश और 10 अन्य न्यायाधीशों - गोगोई , लोकुर , जोसेफ , ए के सीकरी , एस ए बोबडे , एन वी रमण , अरुण मिश्रा , ए के गोयल , आर एफ नरीमन और ए एम सप्रे - की पीठों द्वारा की जानी है. न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ को सेवा , सामाजिक न्याय , पर्सनल लॉ , भूमि अधिग्रहण , खदान एवं खनिज , उपभोक्ता संरक्षण और सशस्त्र एवं अर्धसैनिक बलों से जुड़े मामलों की सुनवाई की जिम्मेदारी दी गई है. वह पारिस्थितिकीय असंतुलन , वन संरक्षण , वन्यजीव संरक्षण , पेड़ों की कटाई और भूजल स्तर से जुड़े मामलों की भी सुनवाई करेंगे.
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इसी तरह न्यायमूर्ति जोसेफ की पीठ को श्रम कानूनों , किराया कानून , पारिवारिक कानून , अदालत की अवमानना और पर्सनल लॉ के मामले दिए गए हैं। वह धार्मिक एवं परमार्थ दान के अलावा सभी भूमि कानूनों एवं कृषि काश्तकारियों के मामलों की भी सुनवाई करेंगे. उच्चतम न्यायालय के पांच सदस्यीय कोलेजियम के नए सदस्य न्यायमूर्ति सीकरी की पीठ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों , चुनाव एवं आपराधिक मामलों , पर्सनल लॉ , अदालत की अवमानना , सामान्य दीवानी मामलों और विधि अधिकारियों की नियुक्ति के मामलों की सुनवाई करेगी.
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इन पांच शीर्ष न्यायाधीशों के अलावा नए रोस्टर में पीठ की अध्यक्षता करने वाले छह अन्य न्यायाधीशों द्वारा सुने जाने वाले मामलों की भी सूची है.
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इस अधिसूचना में उन मामलों की सूची है जिनकी सुनवाई प्रधान न्यायाधीश और 10 अन्य न्यायाधीशों - गोगोई , लोकुर , जोसेफ , ए के सीकरी , एस ए बोबडे , एन वी रमण , अरुण मिश्रा , ए के गोयल , आर एफ नरीमन और ए एम सप्रे - की पीठों द्वारा की जानी है. न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ को सेवा , सामाजिक न्याय , पर्सनल लॉ , भूमि अधिग्रहण , खदान एवं खनिज , उपभोक्ता संरक्षण और सशस्त्र एवं अर्धसैनिक बलों से जुड़े मामलों की सुनवाई की जिम्मेदारी दी गई है. वह पारिस्थितिकीय असंतुलन , वन संरक्षण , वन्यजीव संरक्षण , पेड़ों की कटाई और भूजल स्तर से जुड़े मामलों की भी सुनवाई करेंगे.
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