प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को दूसरी बार शपथ ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने पीएम मोदी (PM Modi) को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. पीएम मोदी के साथ राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी और निर्मला सीतारमण समेत तमाम नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली. हालांकि इस बार कई दिग्गज नेताओं को पीएम मोदी की नई कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई. शपथ ग्रहण समारोह से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि ये दिग्गज मोदी सरकार का हिस्सा होंगे.
अरुण जेटली
नई कैबिनेट में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली शामिल नहीं हैं. हालांकि अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने पहले ही स्वास्थ्य कारणों से मंत्री बनने से इनकार कर दिया था. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उनसे मुलाकात की थी. कहा जा रहा था कि पीएम मोदी अरुण जेटली (Arun Jaitley) से मिलकर नई सरकार में शामिल होने की बात की. जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि वह स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते नई सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते.
अमित शाह ने ली शपथ, मोदी कैबिनेट में निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका
सुषमा स्वराज
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी नई सरकार का हिस्सा नहीं हैं. हालांकि पहले चर्चा थी कि वे कैबिनेट में शामिल होंगी, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जब वे ऑडिएंश के बीच जाकर बैठीं, तो तस्वीर साफ हो गई. आपको बता दें कि सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) के पहले से ही मंत्री बनने पर असमंजस था. कारण यह दिया जा रहा था सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य कारणों से पहले ही लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. ऐसे में वे नई सरकार का भी हिस्सा नहीं होंगी.
राज्यवर्धन राठौर
ओलंपियन राज्यवर्धन राठौर को भी पीएम नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में जगह नहीं मिली. हालांकि संभावना जताई जा रही थी कि 49 वर्षीय राठौर कैबिनेट में जगह बनाने में कामयाब होंगे. राजस्थान की जयपुर ग्रामीण सीट से जीत दर्ज करने वाले राज्यवर्धन राठौर इससे पहले मोदी सरकार में मंत्री थी, लेकिन इस बार उन्हें कैबिनेट में शामिल होने के लिए फोन नहीं आया.
मोदी कैबिनेट में मेनका गांधी को नहीं मिली जगह, लेकिन मिल सकती है यह अहम जिम्मेदारी
मेनका गांधी
पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को भी इस बार कैबिनेट में जगह नहीं मिली. खबर है कि भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी 17वीं लोकसभा में अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टर्म स्पीकर) बन सकती हैं. सूत्रों ने बताया कि आठ बार की सांसद मेनका को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है. इस बार वह उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित हुई हैं. मेनका इससे पहले की मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं.
जेपी नड्डा
पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी इस बार मोदी सरकार की नई कैबिनेट में शामिल नहीं है. हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य नड्डा की गिनती बीजेपी के कद्दावर नेताओं में होती है. वे हिमाचल प्रदेश सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. इस बार भी उनके कैबिनेट में शामिल होने की संभावना थी.
पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर ने भी ली मंत्री पद की शपथ
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