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साइबर ठगी का नया तरीका आया सामने, जानिए कैसे बच सकते हैं आप

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ कनिष्‍क गौड़ ने बताया कि अगर आप देखें तो भारत में सोशल मीडिया को लेकर गाइडलाइन है, जिसके माध्‍यम से इन लिंक्‍स को बंद करवाया जा सकता है.

साइबर सरक्षा विशेषज्ञ अंजलि कौशिक ने बताया कि ऐसे मामलों के लिए जागरूकता और तैयारी बेहद जरूरी है. (प्रतीकात्‍मक)

नई दिल्‍ली:

क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट यानी ज्यादा लाभ. आम तौर पर लोगों को यही बताया जाता है. हालांकि इसी का फायदा उठाकर साइबर ठग लोगों को अपने शिकार में फंसाते हैं और उनके बैंक खाते खाली कर देते हैं. खास बात ये है कि इस ठगी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया जा रहा है. साइबर ठगों ने इसके लिए अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट की नकल की है. फर्जी वेबसाइट में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ फर्जी खबर लगाई गई है, जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री ने नया प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. इसमें निवेश कर लोग रोज 10 हजार रुपये कमा सकते हैं. इसके नीचे एक लिंक है. जैसे ही लोग लिंक को क्लिक करते हैं. पेमेंट गेटवे सामने आ जाता है और जैसे ही आपने भुगतान किया. ठग आपके रुपये लेकर रफूचक्कर हो जाते हैं. ठगों का ये नेटवर्क कैसे काम कर रहा है और इससे कैसे बचा जा सकता है, आइए जानते हैं.  

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ कनिष्‍क गौड़ ने बताया कि हम ओपन सोर्स इंटेलीजेंस तकनीक के इस्‍तेमाल से ऐसे साइबर ठगों को ढूंढते हैं. उन्‍होंने इस मामले को लेकर कहा कि हमने देखा कि प्रधानमंत्री के नाम से यह लिंक एक्‍स पर वायरल हो रहा था. जांच करने पर पता चला कि काफी सारी एआई बेस्‍ड बॉटनेट का इस्‍तेमाल करके इस लिंक को सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है.

प्रचार के लिए पेमेंट करते हैं साइबर ठग: गौड़ 

उन्‍होंने बताया कि इसका अगर आप एक लिंक डाउन करते हैं तो दूसरे अन्‍य लिंक और फैल जाते हैं. उन्‍होंने बताया कि साइबर ठग इसके प्रचार के लिए पेमेंट भी करते हैं. उन्‍होंने इसे सोची-समझी साजिश बताया. 

गौड़ ने कहा कि अगर आप देखें तो भारत में सोशल मीडिया को लेकर गाइडलाइन है, जिसके माध्‍यम से इन लिंक्‍स को बंद करवाया जा सकता है. हालांकि आप देखेंगे कि एक्‍स के माध्‍यम से यह लिंक काफी वायरल कराए जाते हैं और अन्‍य सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर भी इन्‍हें फैलाया जाता रहा है. उन्‍होंने कहा कि काफी लोग प्रधानमंत्री का नाम देखकर के इस तरह की चीजों पर विश्‍वास कर लेते हैं और अपने हजारों-लाखों अपने गंवा बैठते हैं. 

लोगों में जागरूकता जरूरी: कौशिक

साइबर सरक्षा विशेषज्ञ अंजलि कौशिक ने बताया कि ऐसे मामलों के लिए जागरूकता और तैयारी बेहद जरूरी है. उन्‍होंने कहा कि आम लोगों को यह पता होना चाहिए कि हम कहां पर जाएं और इसकी शिकायत करें. उन्‍होंने कहा कि इसके लिए हमें जनता को जागरूक करना पड़ेगा. 

इस मामले को लेकर उन्‍होंने कहा कि यह टारगेटेड स्‍कैम लग रहा है, जो काफी खतरनाक है. पीएम मोदी का नाम लेकर के यदि कोई स्‍कैम करता है तो यह देश के लिए बहुत ही गंभीर विषय है. 

साइबर ठगी रोकने के लिए क्या करें 

  • साइबर सुरक्षा से जुड़ी सरकार एजेंसियों को बताएं
  • फर्जी डोमेन हटाने के लिए CERT-In को जानकारी दें
  • CERT-In केंद्र की नोडल एजेंसी की वेबसाइट है
  • डोमेन रजिस्ट्रार को वेबसाइट सस्पेंड करने को कहें
  • फर्जी वेबसाइट का URL ब्लॉक करें, नुकसान से बचें
  • धोखाधड़ी के बारे में दूसरे लोगों को भी जानकारी दें 


 

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