नीट में ग्रेस मार्क्स दिए जाने को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. नीट आयोजित करने वाली एजेंसी की कार्यशैली को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिन बच्चों को ग्रेस मार्कस दिए गए हैं, उनकी परीक्षा दोबारा से होगी. एनटीए परीक्षा दोबारा से लेगी. इस फैसले के बाद टॉपर रहे कई बच्चों में जहां निराशा है, वहीं उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा है और दोबारा पेपर देने के लिए तैयार हैं.
नीट के रिजल्ट में 720 में से 720 अंक लेकर टॉपर रहीं झज्जर के चमनपुरा गांव की अंजली यादव ने उन टॉपर में शामिल हैं जो ग्रेस मार्क्स लेकर टॉपर रही हैं. अंजली का कहना है कि दोबारा से परीक्षा लेने का फैसला आया तो उन्हें थोड़ी निराशा जरूर हुई, लेकिन उन्हें अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा है और वह दोबारा से अपना पेपर देंगी.
अंजली के दादा ने फैसले पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि वह फैसले से कतई खुश नहीं हैं. कारण कि इस मामले में बच्चों की क्या गलती है. या तो सभी बच्चों की परीक्षा दोबारा हो या फिर इनकी परीक्षा दोबारा से क्यों हो. एनटीए का अपना यह निजी मामला है और इसमें बच्चों पर दोबारा से भार डाला जाना न्यायसंगत नहीं है.
वहीं, एक अन्य बच्ची का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से बिल्कुल सहमत नहीं हैं, उन्होंने फिर से परीक्षा के लिए कहा है, वो सिर्फ उन बच्चों के लिए है, जिनको ग्रेस मार्क्स मिले हैं. उन बच्चों का क्या, जिन्होंने मेहनत करके 600 से ज्यादा मार्क्स लाए हैं. 600 से ऊपर मार्क्स लाने में मेहनत लगती है.
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