नीट पेपर लीक मामले में गुरुवार को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को बड़ी सफलता मिली है. सीबीआई ने राकेश उर्फ रॉकी को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या राकेश की वो सीढ़ी है, जिसकी मदद से सीबीई इस पेपर लीक मामले का सॉल्व कर सकता है. सूत्रों की मानें तो रॉकी इस गिरोह का किंगपिंग है. सीबीआई ने रॉकी को कोर्ट में पेश कर 10 दिनों के रिमांड पर लिया है.अब गहनता से सीबीआई रॉकी से पूछताछ करेगा और मामले की तह तक जाएगा. ऐसे में जान लेते हैं कि आखिर ये पेपर लीक का मास्टरमाइंड रॉकी कौन है और सीबीआई के लिए अहम क्यों है?
कौन है नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड रॉकी?
राकेश रंजन उर्फ रॉकी रांची में होटल चलाता है और संजीव मुखिया का भांजा है. पेपर लीक होने के बाद उसे हल करने के लिए रॉकी ने ही सॉल्वर्स का जुगाड़ किया था. रांची और पटना के MBBS छात्रों का सॉल्वर्स के तौर पर इस्तेमाल किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, रॉकी दरअसल संजीव मुखिया का बड़ा राजदार भी है.
रॉकी पर क्या हैं आरोप?
जानकारी के मुताबिक, जब प्रश्न सेट को हज़ारीबाग़ में एसबीआई से ओएसिस स्कूल में खोला गया तो रॉकी वहीं था. उसने ना सिर्फ क्वेशचन पेपर को खोला, बल्कि उसकी फोटो खींची, उसे पीडीएफ में कन्वर्ट किया और ब्लूटूथ की मदद से उसकीा प्रिंटआउट भी निकलवाया. प्रिंटआउट के लिए उसने बलदेव उर्फ चिंटू का इस्तेमाल किया जो लर्न एंड प्ले स्कूल में मौजूद था.
सीबीआई की पूछताछ में कई राज उगल सकता है
रॉकी का पूरा नाम राकेश रंजन है. रांची में होटल चलाने वाले रॉकी के बारे में कहा जाता है कि पेपर लीक होने के बाद उसे हल करने के लिए 'मुन्नाभाई' यानी सॉल्वर का इंतजाम उसी ने किया था. पूछताछ के दौरान रॉकी बता सकता है कि उसने देश भर में कितने लोगों के साथ प्रश्न और उत्तर पुस्तिका पीडीएफ साझा की. हालांकि, वह सिर्फ पटना में 20 छात्रों के लिए इतना बड़ा जोखिम नहीं उठा सकता.
अगली सुनवाई से पहले इस NEET लीक मामले में बहुत कुछ बदल सकता है और सीमित लीक की थ्योरी भी बदल सकती है, अगर रॉकी सही जवाब दे दे और इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी दे देता है तो ये केस काफी हद तक सॉल्व होने के कागार पर आ सकता है.
मास्टरमाइंड है रॉकी
रॉकी इस पूरे मामले में मास्टरमाइंड है. देखा जाए तो संजीव मुखिया का करीबी है. इस बात से पता चल सकता है कि उसने अभी तक क्या-क्या किया.
कैसे पकड़ा गया आरोपी?
CBI ने राकेश को पकड़ने के लिए एक तरीका अपनाया. दरअसल, राकेश उर्फ रॉकी को पकड़ने के लिए सीबीआई की टीम ने बेहद एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया. सीबीआई ने राकेश की मेल आईडी को ट्रेस किया, उसके बाद IP एड्रेस की मदद से उसका एड्रेस पता किया. कन्फर्म होने के बाद सीबीआई ने रॉकी को गिरफ्तार किया.
सीबीआई की छापेमारी जारी है
सीबीआई नीट पेपर लीक मामले में 4 जगहों पर छापेमारी कर रही है, इनमें पटना, पटना के पास 2 लोकेशन और कोलकाता में रेड चल रही है. सीबीआई इस मामल की तह तक जाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है. एडवांस तकनीक का इस्तेमाल कर सीबीआई ने रॉकी को पकड़ा, उसके बाद उसे 10 दिनों तक रिमांड पर लिया.
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