नीट परीक्षा इन दिनों सरकार के गले की फांस बनी हुई है. नीट परीक्षा को लेकर देशभर में जोरदार हंगामा देखने को मिल रहा है. ताजा जानकारी के मुताबिक NEET परीक्षा में धोखाधड़ी का एक और मामला सीबीआई के पास ट्रांसफर किया जा सकता है. जबकि पहले ही नीट मामले में सीबीआई जांच कर रही है. इससे पहले ही सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने नीट मामले में झारखंड के हजारीबाग और गुजरात के खेड़ा व पंचमहाल जिलों के स्कूल में छापेमारी कर प्रिंसिपल से पूछताछ की है.
नवी मुंबई में डमी कैंडिडेट पहुंचीं थी एग्जाम देने
अब इस मामले में पता चला है कि नवी मुंबई के बेलापुर में एक छात्रा को डमी कैंडिडेट बन परीक्षा में बैठने के आरोप में पकड़ा गया था. राजस्थान के अलवर की रहने वाली लड़की निशिका यादव जलगांव की लड़की मयूरी पाटिल के लिए डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने डीवाई कॉलेज में आई थी. लेकिन बायोमैट्रिक के दौरान पर्यवक्षक को शक हो गया. जिसके बाद पुलिस को सूचित कर मामले में एफआइआर दर्ज कराई गई थी.
नीट मामले में बिहार ईओयू की जांच हुई ये खुलासा
फिलहाल बेलापुर पुलिस मामले की जांच कर रही है. लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि अब सीबीआई उस मामले की जांच अपने हाथ में ले सकती है. बिहार ईओयू की जांच में यह बात सामने आई थी कि हजारीबाग में प्रश्न पत्र कूरियर कंपनी के एक रिमोट एरिया स्थित सेंटर पर पहुंचे थे और इसके बाद पेपर के ट्रंक बैंक तक ई-रिक्शा से पहुंचाए गए थे. बैंक में भी पेपर को रिसीव करने से लेकर उनके रखरखाव में लापरवाही की बात कही जा रही है.
पेपर को सॉल्व करने वाला गैंग रांची से हो रहा था ऑपरेट
ईओयू की जांच में यह बात सामने आई है कि पेपर को सॉल्व करने वाला गैंग रांची से ऑपरेट किया जा रहा था. यहां मेडिकल पीजी के स्टूडेंट्स से पेपर को हल करवाकर पटना भेजा गया था. इस मामले में ईओयू ने झारखंड के देवघर शहर से छह युवकों को हिरासत में लिया था. बाद में इनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया. सभी युवक बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं, जो देवघर में मजदूर बनकर किराए के मकान में रह रहे थे.
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