नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा देश भर के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा NEET और देश प्रतिष्ठित मेडिकल संस्था एम्स की परीक्षा में वाराणसी के अक्षत कौशिक ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है. नीट की परीक्षा कुल 720 अंको की होती है जिसमें अक्षत को 700 नंबर हासिल हुए हैं. पढ़ने में मेधावी अक्षत कौशिक इससे पहले KVPY यानी किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में भी अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ चुके हैं. KVPY सांइस और रिसर्च के क्षेत्र में छात्रों को प्रोत्साहित करने को लेकर भारत सरकार की तरफ से दी जाने वाली स्कॉलरशिप है.
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एनडीटीवी इंडिया के साथ अपनी बातचीत में अक्षय बताते हैं कि NEET की परीक्षा में सवाल तो फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी तीनों से ही आते हैं लेकिन सफलता हासिल करने के लिए बायोलॉजी पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि NEET में 50% सवाल इसी विषय से पूछे जाते हैं. अक्षय का कहना है कि अगर 360 अंक की बायोलॉजी में अगर आप अच्छा स्कोर कर लेते हैं तो इससे सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. हालांकि केमिस्ट्री भी अक्षत का पसंदीदा सबजेक्ट रहा है उनका कहना है कि केमिस्ट्री के तीनों हिस्से यानी ऑर्गेनिक, फिजिकल और इनऑर्गेनिक अपने आप में एक अलग विषय हैं और इनकी तैयारी के लिए छात्रों को अलग अलग अप्रोच की जरूरत होती है.
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उनकी राय में इन तीनों हिस्सों की तैयारी के लिए आधार NCERT को ही बनाना चाहिए. अक्षत का मानना है कि मेडिकल की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए फिजिक्स हमेशा से ही एक मुश्किल चुनौती रहा है हालांकि ये अलग बात है कि अक्षत ने फिजिक्स में 180 में 180 अंक हासिल किए हैं. अक्षत के मुताबिक विषयों को लेकर समय का बंटवारा बेहद सोच समझ कर किए जाने की जरूरत है. अगर किसी एक विषय के पीछे ही अधिक समय खर्च कर दिया जाए तो ऐसे में दूसरे विषय कमजोर रह जाते है.
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आमतौर पर होता ये है कि फिजिक्स के खौफ में छात्र अपना ज्यादातर समय इसके पीछे ही खर्च कर देते हैं. जहां तक परीक्षा के तनाव की बात है तो अक्षय का मानना है कि परीक्षा से ठीक एक या दो दिन पहले किसी भी कठिन टॉपिक को टच करने से बचना चाहिए इससे बेवजह मनोवैज्ञानिक दबाव से बचा जा सकता है और आप परीक्षा में टेंशन प्री होकर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. ठीक ऐसी ही तैयारी एम्स के लिए भी होती है बस इसमें ये समझना चाहिए कि नीट में सभी प्रश्नो को अटेम्ट करना चाहिए पर एम्स में जिसमे कॉन्फिडेंट हैं उसी को करना चाहिए तुक्का नहीं मरना चाहिए.
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बता दें कि अक्षत कौशिक इसी साल दिल्ली पब्लिक स्कूल से बारहवीं की परीक्षा पास की है. 12 वीं बोर्ड की परीक्षा में उन्हें 96.4 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं. अक्षत के माता-पिता भी डॉक्टर हैं. उनके पिता डॉ ए. के कौशिक सर्जन हैं वहीं मां डॉ किरण कौशिक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं.
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