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Exclusive: वायनाड में क्यों हुआ लैंडस्लाइड? लेह में क्यों नहीं उतर रही फ्लाइट? सोनम वांगचुक ने बताई असली वजह

सोनम वांगचुक ने कहा है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. उन्होंने कहा, जिस तरह से पृथ्वी का अंधाधुन दोहन हो रहा है, आने वाले दिनों में हम ऐसी और समस्याएं देख सकते हैं.

नई दिल्ली:

एनडीटीवी के साथ खास बातचीत में पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक ने कहा, देश में जितने भी त्रासद आ रहे हैं, उसके लिए जिम्मेदार जलवायु परिवर्तन है. वर्तमान में हम जो लाइफस्टाइल जी रहे हैं, उससे पूरी मानवता को खतरा है. देखा जाए तो आज कार्बन का बहुत ही ज्यादा उत्सर्जन हो रहा है. ग्लोबल वार्मिंग के कारण धरती की हवाएं ऊपर उठ रही हैं और गर्मी के कारण समुद्र का वाष्पीकरण हो रहा है. जिसके कारण ये धरती अब सहन नहीं कर पा रहा है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और वायनाड में भूस्खलन की समस्याएं होती आ रही हैं. सोनम वांगचुक ने एनडीटीवी से खास बातचीत में अपनी बात रखी हैं.

मुख्य बातें

  1. कार्बन का उत्सर्जन कम होना चाहिए
  2. बिजली का खपत कम करें
  3. जीवनशैली में बदलाव
  4. स्थानीय स्थिति को देखकर विकास करें
  5. विकास के नाम पर विनाश ना करें
  6. प्रकृति को ध्यान में रखकर विकास करें
  7. पेड़- पौधों की कटाई बिल्कुल ना करें
  8. पहाड़ों की कटाई ना करें
सोनम वांगचुक ने कहा है कि हम अंधाधुन पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, पहाड़ों का दोहण कर रहे हैं, जिससे जमीन अब मजबूत नहीं रही है. ऐसे में जब भी मॉनसून आता है, वैसे ही भूसख्लन देखने को मिलती है.

एनडीटीवी से खास बातचीत के दौरान सोनम वांगचुक ने कहा है कि बिना सोचे-समझे, सड़कों का निर्माण हो रहा है, बिल्डिंगें बन रही हैं, ऐसे में पृथ्वी का दोहन हो रहा है.

सोनम वांगचुक ने कहा है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. उन्होंने कहा, जिस तरह से पृथ्वी का अंधाधुन दोहन हो रहा है, आने वाले दिनों में हम ऐसी और समस्याएं देख सकते हैं.

वायनाड और केदारनाथ की स्थिति

पहाड़ी क्षेत्रों में जो आपदा आ रही है, उसका कारण है पहाड़ों के साथ खिलवाड़ करना. सोनम वांगचुक ने कहा है कि पहाड़ों में 4 लेन की सड़कें बन रही हैं, ऐसे में उनकी मजबूती और पकड़ के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह से पर्यटन के नाम पर होटल और रिजॉर्ट्स बन रहे हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में और भी इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

लेह और श्रीनगर में इतनी गर्मी क्यों है

सोनम वांगचुक ने कहा है कि लेह में इस बार ज्यादा गर्मी हो रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि हवा में ह्यूमिडिटी बढ़ गई है. उन्होंने कहा है कि इस बार  हवा में नमी एक कारक है. पहले हवा में नमी 20 प्रतिशत तक होती थी, अब 35 प्रतिशत तक है. यही वजह है कि लेह में लोगों को गर्मी लग रही है.

लेह में जहाज नहीं उतर पा रहे हैं

लेह में गर्मी के कारण जहाज नहीं उतर पा रहे हैं. पहले शाम की फ्लाइट्स होती थी, अब दोपहर में भी फ्लाइट्स चलने लगी है. सोनम वांगचुक ने कहा है कि गर्मी के कारण हवा पतली हो रही है. हवा का घनत्व कम होने के कारण फ्लाइट को लिफ्ट नहीं मिल पाती है. यही वजह है कि दोपहर में फ्लाइट नहीं उतर रही है.

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