
नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट्स ने दलित आईपीएस अधिकारी वाई पुरन कुमार की आत्महत्या के मामले में सख्त रुख अपनाया है. आयोग ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है. मुख्य सचिव को सात दिन के भीतर मामले पर की गई कार्रवाई की एक्शन टेकन रिपोर्ट (ATR) आयोग को सौंपने का निर्देश दिया गया है.
ST एक्ट के तहत भी मामला दर्ज
साथ ही इस मामले में SC-ST एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. बताया गया कि पूरन कुमार के सुसाइड नोट में जिन-जिन अधिकारियों के नाम थे, उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. चंडीगढ़ पुलिस ने भी वाई पूरन कुमार सुसाइड मामले में एफआईआर दर्ज कर लिए जाने की पुष्टि की है. जिसके बाद अब डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
सुसाइड नोट में लिखे थे कई अधिकारियों के नाम
2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार (52) अपने सेक्टर 11 स्थित आवास के भूतल के एक कमरे में मृत मिले थे। उनके शरीर पर गोली लगी थी. सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में कुछ ‘वरिष्ठ अधिकारियों' का नाम लिया और पिछले कुछ वर्षों में उन्हें झेलनी पड़ी ‘मानसिक प्रताड़ना' और अपमान का विवरण दिया.
रियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आईपीएस पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार के सरकारी आवास पर पहुंच कर उनसे मुलाकात की थी. इस दौरान अमनीत ने मुख्यमंत्री से अपनी शिकायत और पति के सुसाइड नोट में नामित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की थी.
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