मुंबई:
महाराष्ट्र के गृह मंत्री आरआर पाटिल ने विधानसभा में स्वीकार किया कि सुरक्षा बलों की भारी मौजूदगी के बावजूद राज्य में नक्सली हिंसा में कमी नहीं हो रही है।
पाटिल ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कहा, ‘पुलिस, सीआरपीएफ (नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली और अन्य इलाकों में) की उपस्थिति के बावजूद आम आदमी एवं पुलिसकर्मी मारे जा रहे हैं। नक्सल हिंसा की संख्या में गिरावट नहीं आ रही है।’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में नक्सलवाद ‘सबसे चुनौतीपूर्ण समस्यायों में’ से एक है और जब तक पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में इसे खत्म नहीं किया जाता है तब तक इस पर काबू नहीं पाया जा सकता।
नक्सलियों से निपटने के लिए रणनीति बनाने की खातिर नेताओं, अधिकारियों और पुलिस की बैठक मॉनसून सत्र के अंत में होगी।
मंत्री ने कहा कि नक्सलियों के आर्थिक संसाधनों को निशाना बनाया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जंगल के उत्पादों से उग्रवादियों को लाभ नहीं मिले।
पाटिल ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कहा, ‘पुलिस, सीआरपीएफ (नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली और अन्य इलाकों में) की उपस्थिति के बावजूद आम आदमी एवं पुलिसकर्मी मारे जा रहे हैं। नक्सल हिंसा की संख्या में गिरावट नहीं आ रही है।’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में नक्सलवाद ‘सबसे चुनौतीपूर्ण समस्यायों में’ से एक है और जब तक पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में इसे खत्म नहीं किया जाता है तब तक इस पर काबू नहीं पाया जा सकता।
नक्सलियों से निपटने के लिए रणनीति बनाने की खातिर नेताओं, अधिकारियों और पुलिस की बैठक मॉनसून सत्र के अंत में होगी।
मंत्री ने कहा कि नक्सलियों के आर्थिक संसाधनों को निशाना बनाया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जंगल के उत्पादों से उग्रवादियों को लाभ नहीं मिले।
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