राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार को कहा कि राज्य में सरकार बनाने के लिए उनकी पार्टी के समर्थन देने के बारे में सोचने से पहले उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना को बीजेपी से नाता तोड़कर NDA से अलग होना होगा. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि उसके पास सदन में बहुमत नहीं है, इसलिए वह सरकार बनाने का दावा नहीं करेगी. इसके कुछ ही घंटे बाद NCP की ओर से यह बयान आया. महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 21 अक्टूबर को हुए मतदान के बाद 288 सदस्यीय सदन में बीजेपी के 105 सदस्य हैं.
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मलिक ने रविवार की शाम संवाददाताओं से कहा, 'शिवसेना को पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से निकलना होगा क्योंकि (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में) इसका एक कैबिनेट मंत्री है. जब तक शिवसेना राजग नहीं छोड़ेगी तब तक हम घटनाक्रम पर नजर रखेंगे और इंतजार करेंगे.' उल्लेखनीय है कि दक्षिण मुंबई से शिवसेना सांसद अरविंद सावंत केंद्रीय मंत्री हैं. सरकार के गठन पर जारी गतिरोध पर मलिक ने कहा, 'हमारे पास पर्याप्त संख्या नहीं है लेकिन हम भी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को शिवसेना की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.
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मलिक ने कहा, 'शिवसेना अगर प्रस्ताव लेकर आती है, तो हमारी ओर से कुछ शर्तें होंगी जिन पर पार्टी को सहमत होना होगा. शिवसेना नेता संजय राउत इस बात पर जोर देते आ रहे हैं कि उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री होगा. अगर उन्हें कांग्रेस और राकांपा का समर्थन चाहिए तो उन्हें भाजपा के साथ (दिल्ली) में सत्ता साझा करने पर अपना रुख स्पष्ट करना होगा.' मलिक ने कहा कि NCP के विधायकों की बैठक 12 नवंबर को होनी है. इसके बाद मौजूदा घटनाक्रम में पार्टी की भूमिका पर फैसला किया जाएगा.
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