सभी तस्वीरें : AFP
नई दिल्ली:
उत्तरी भारत और विशेषकर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक होता जा रहा है जिसकी वजह से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ केंद्र ने माना है कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर आपात स्थिति बन गई है, वहीं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मुलाकात भी की है.
उधर नासा अर्थ ऑबज़रवेट्री ने भी उत्तरी भारत की एक तस्वीर जारी की है जिसमें पंजाब में खरीफ फसल के जलाए जा रहे ठूंठ से उठने वाले धुएं को साफ देखा जा सकता है.
नासा ने अपनी वेबसाइट www.earthobservatory.nasa.gov पर इस धुएं के बारे में जानकारी देते हुए लिखा है कि पंजाब से अभी भी जो फसल जल रही है, उसकी वजह से उठने वाला धुआं दक्षिणपूर्व तक पहुंच रहा है जो सैटेलाइट द्वारा दिल्ली की साफ तस्वीर लेने में बाधा बन रहा है. नासा ने अपने बयान में यह भी लिखा है कि ठूंठ के जलाए जाने के अलावा अन्य शहरी और औद्योगिक तत्वों का भी इस धुंध को बढ़ाने में हाथ है.
नासा ने यह भी लिखा है कि यह धुआं इंसानों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और यह दिल और फेफड़ों की बीमारी को बढ़ा सकता है. खासतौर पर बुजु़र्ग, बच्चे और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. इस धुंध के चलते कई दुकानों पर फेसमास्क बड़ी तादाद में खरीदे जा रहे हैं.
बता दें कि दिल्ली पर धुंध छाए रहने और कई स्थलों पर प्रदूषण का स्तर सुरक्षित स्तर से 17 गुना अधिक बढ़ने के बाद केंद्र ने किसानों द्वारा खूंटी जलाने पर अंकुश के लिए सभी पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की सोमवार को एक बैठक बुलाई है. दिल्ली में आजकल जो हाल है उस प्रदूषण में दस घंटे रहने का मतलब 42 सिगरेट पीना है. लिहाजा कई स्कूलों में ताला लगा है.
उधर नासा अर्थ ऑबज़रवेट्री ने भी उत्तरी भारत की एक तस्वीर जारी की है जिसमें पंजाब में खरीफ फसल के जलाए जा रहे ठूंठ से उठने वाले धुएं को साफ देखा जा सकता है.
नासा ने अपनी वेबसाइट www.earthobservatory.nasa.gov पर इस धुएं के बारे में जानकारी देते हुए लिखा है कि पंजाब से अभी भी जो फसल जल रही है, उसकी वजह से उठने वाला धुआं दक्षिणपूर्व तक पहुंच रहा है जो सैटेलाइट द्वारा दिल्ली की साफ तस्वीर लेने में बाधा बन रहा है. नासा ने अपने बयान में यह भी लिखा है कि ठूंठ के जलाए जाने के अलावा अन्य शहरी और औद्योगिक तत्वों का भी इस धुंध को बढ़ाने में हाथ है.
नासा ने यह भी लिखा है कि यह धुआं इंसानों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और यह दिल और फेफड़ों की बीमारी को बढ़ा सकता है. खासतौर पर बुजु़र्ग, बच्चे और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. इस धुंध के चलते कई दुकानों पर फेसमास्क बड़ी तादाद में खरीदे जा रहे हैं.
यह तस्वीर 2 नंवबर की है जब दिल्ली के पास एक कचरे के ढेर में आग लगाई गई थी (AFP)
राजधानी दिल्ली में फेसमास्क खरीदने के लिए लगी लाइनबता दें कि दिल्ली पर धुंध छाए रहने और कई स्थलों पर प्रदूषण का स्तर सुरक्षित स्तर से 17 गुना अधिक बढ़ने के बाद केंद्र ने किसानों द्वारा खूंटी जलाने पर अंकुश के लिए सभी पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की सोमवार को एक बैठक बुलाई है. दिल्ली में आजकल जो हाल है उस प्रदूषण में दस घंटे रहने का मतलब 42 सिगरेट पीना है. लिहाजा कई स्कूलों में ताला लगा है.
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