बांद्रा में प्रवासी मजदूरों की भीड़ की गुत्थी अब भी अनसुलझी है. इस मामले में मुंबई पुलिस ने अब तक 3 एफआईआर दर्ज की हैं. मामले में पुलिस ने उत्तर भारतीय महापंचायत के विनय दुबे को हिरासत में ले लिया है. साथ ही रेल से जुड़ी खबर चलाने वाले पत्रकार को भी गिरफ्तार किया गया है. पर अचानक इतनी बड़ी संख्या में भीड़ कैसे जमा हुई इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है.
कोरोना से बचने के जारी लॉकडाउन में मंगलवार को बांद्रा स्टेशन पर अचानक से जमा भीड़ ने प्रशासन और पुलिस दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सरकार इसमें साजिश देख रही है तो प्रवासी मजदूर इसे अपनी मजबूरी करार दे रहे हैं. पुलिस ने जिन पर एफआईआर दर्ज की है उनमें एक हंगामा करने वाले प्रवासी मजदूरों के खिलाफ, दूसरी उत्तर भारतीय महापंचायत के विनय दुबे के खिलाफ और तीसरी एक रीजनल चैनल के पत्रकार के खिलाफ दर्ज की गई है जिसने प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष रेल चलाये जाने पर विचार की खबर चलाई थी.
मुम्बई पुलिस के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे ने कहा कि इसमें से आरोपी विनय दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया है. अदालत ने 21 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है आगे की तफ्तीश जारी है. बता दें कि विनय दुबे पर सोशल मीडिया के जरिये प्रवासी मजदूरों को सड़क पर उतरने के लिए उकसाने का आरोप है. जबकि विनय दुबे के भाई का कहना है कि उनके भाई को फंसाया जा रहा है.
जांच के दायरे में वह वीडियो भी है जिसमें लोगों को जमा करने और 15 हजार रुपये की बात का उल्लेख है. अब सवाल लॉकडाउन में दो वक्त के भोजन और रहने की जगह का है. प्रवासी मजदूरों की माने तो पेट की आग सभी को सड़क पर ले आई , ना तो भरपेट भोजन मिल रहा है ना ही अपने घर जाने की इजाजत. मंगलवार के हंगामे के बाद अब सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई वो अलग.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं