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मुर्शिशाबाद हिंसा पर दायर याचिकाओं में ऐसा क्या कि सुप्रीम कोर्ट ने बोला- 'वापस लो'

सुप्रीम कोर्ट ने ने पक्षकार को पश्चिम बंगाल हिंसा की जांच का अनुरोध करने वाली याचिका वापस लेने की अनुमति दी, नए सिरे से याचिका दायर करने की छूट दी.

नई दिल्ली:

वक्फ संशोधन एक्ट को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद मे हुई हिंसा मामले पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने खफा होते हुए याचिकाकर्ताओं के आधारों पर सवाल उठाए. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को बेहतर याचिका दाखिल करने को कहा, उचित याचिका दायर करें. उन लोगों को न्याय दिलाने में हमारी मदद करें जो आवाज़हीन हैं. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ली.

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच में सुनवाई हुई. याचिका में मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT के गठन की मांग की गई है. जबकि दूसरी याचिका में पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग के गठन की मांग की गई है. साथ ही राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा और विशाल तिवारी ने जनहित याचिका दाखिल की है.

जस्टिस कांत ने याचिकाकर्ता से क्या पूछा 

  • पुनर्वास किए जाने वाले लोग कौन हैं? 
  • वे लोग कौन हैं जो राज्य से भाग गए हैं? 
  • ⁠क्या वे इस अदालत के सामने हैं? 
  • ⁠आप मीडिया रिपोर्टों पर इतना भरोसा क्यों कर रहे हैं?
  • क्या आप लोगों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं? 
  • आप एक  व्यक्ति के खिलाफ़ आरोप क्यों लगा रहे हैं? 
  • ⁠हम इन सब में नहीं पड़ सकते
  • आप बहुत जल्दी में हैं
  • आप एक उचित याचिका दायर करें
  • आवाजहीन लोगों की मदद करने में हमारी सहायता करें

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपने किस आधार पर याचिका दाखिल की, किस जगह से आपने डेटा लिया. आपका सोर्स क्या है. देश की सबसे बड़ी अदालत में ऐसे नहीं आने चाहिए, आपने जो आरोप लगाए हैं. उस पर हम ऐसे ही जवाब नहीं मांग सकते.

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