जान्हवी गडकर की फाइल तस्वीर
मुंबई:
मुंबई की एक अदालत ने कॉरपोरेट वकील जान्हवी गडकर की ज़मानत याचिका फिर से अस्वीकार कर दी है। जान्हवी पर शराब पीकर ग़लत साइड में गाड़ी चलाने और अपनी ऑडी-कार एक टैक्सी पर चढ़ाने का आरोप है।
ज़मानत के लिए जान्हवी की ये दूसरी याचिका है जिसे कुर्ला की मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने अस्वीकार कर दी है। जान्हवी की पहली याचिका 10 जून को अस्वीकार की गई थी।
कॉरपोरेट वकील के तौर पर काम करने वाली जान्हवी गडकर पर ग़ैर-इरादतन हत्या का आरोप है। 9 जून को हुई वारदात में जान्हवी की ऑडी कार की चपेट में आयी टैक्सी में बैठे दो लोगों की मौत हो गई थी।
जान्हवी गडकर पर एक्सीडेंट से पहले तक़रीबन 10 किमी तक सड़क पर ग़लत साइड में गाड़ी चलाने का भी आरोप है।
कोर्ट में दलील
जान्हवी के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि चूंकि इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है इसलिए उसे राहत दी जानी चाहिए। गडकर के वकील के मुताबिक पुलिस ने केस से जुड़ी कई जानकारियां ले चुकी है जिनमें आरटीओ और ब्लड रिपोर्ट भी शामिल है। दुर्घटना में घायल हुए लोग भी अस्पताल से छूट चुके हैं।
गडकर के वकील महेश सबनिस ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया कि वो केस की जांच में पुलिस की पूरी मदद करेगी।
लेकिन पुलिस ने गडकर की ज़मानत याचिका का ये कहकर विरोध किया कि ये केस सेशन कोर्ट में चलाये जाने लायक है इसलिए मैजिस्ट्रेट कोर्ट उन्हें ज़मानत नहीं दे सकता है।
पुलिस ने अपनी दलील में ये भी कहा कि गडकर की याचिका इसी अदालत से पहले इस आधार पर नामंज़ूर हो चुकी है कि ये काफी गंभीर किस्म का अपराध है और इसकी जांच चल रही है।
ज़मानत के लिए जान्हवी की ये दूसरी याचिका है जिसे कुर्ला की मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने अस्वीकार कर दी है। जान्हवी की पहली याचिका 10 जून को अस्वीकार की गई थी।
कॉरपोरेट वकील के तौर पर काम करने वाली जान्हवी गडकर पर ग़ैर-इरादतन हत्या का आरोप है। 9 जून को हुई वारदात में जान्हवी की ऑडी कार की चपेट में आयी टैक्सी में बैठे दो लोगों की मौत हो गई थी।
जान्हवी गडकर पर एक्सीडेंट से पहले तक़रीबन 10 किमी तक सड़क पर ग़लत साइड में गाड़ी चलाने का भी आरोप है।
कोर्ट में दलील
जान्हवी के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि चूंकि इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है इसलिए उसे राहत दी जानी चाहिए। गडकर के वकील के मुताबिक पुलिस ने केस से जुड़ी कई जानकारियां ले चुकी है जिनमें आरटीओ और ब्लड रिपोर्ट भी शामिल है। दुर्घटना में घायल हुए लोग भी अस्पताल से छूट चुके हैं।
गडकर के वकील महेश सबनिस ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया कि वो केस की जांच में पुलिस की पूरी मदद करेगी।
लेकिन पुलिस ने गडकर की ज़मानत याचिका का ये कहकर विरोध किया कि ये केस सेशन कोर्ट में चलाये जाने लायक है इसलिए मैजिस्ट्रेट कोर्ट उन्हें ज़मानत नहीं दे सकता है।
पुलिस ने अपनी दलील में ये भी कहा कि गडकर की याचिका इसी अदालत से पहले इस आधार पर नामंज़ूर हो चुकी है कि ये काफी गंभीर किस्म का अपराध है और इसकी जांच चल रही है।
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