'दिल का दौरा पड़ने से हुई थी मुख्तार की मौत': NDTV के पास पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट

पोस्टमॉर्टम किए जाने के बाद मुख्तार अंसारी के शव को गाजीपुर जिले के मोहम्‍दाबाद यूसुफपुर स्थित उसके पैतृक निवास ले जाया गया. 26 गाड़ियों का काफिला शुक्रवार शाम पौने पांच बजे गाजीपुर के लिए रवाना हुआ था.

'दिल का दौरा पड़ने से हुई थी मुख्तार की मौत': NDTV के पास पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट

60 से अधिक मामलों में आरोपी मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद था.

नई दिल्ली:

माफिया से नेता बने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का शव कड़ी सुरक्षा के बीच आज गाजीपुर जिले के उनके पैतृक निवास युसूफपुर मोहम्मदाबाद के निकट कालीबाग स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. एनडीटीवी के हाथ मुख्तार अंसारी की पोस्टमॉर्टम लगी है. प्रारंभिक रिपोर्ट में मुख्तार अंसारी की मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना बताई गई है. 60 से अधिक मामलों में आरोपी मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद था, बृहस्पतिवार रात तबियत खराब होने के कारण उसे जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां देर रात दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी.

रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में पांच डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया गया, जब पोस्टमार्टम किया गया तो मुख्तार अंसारी का छोटा बेटा उमर अंसारी पोस्टमार्टम हाउस के अंदर मौजूद था. पोस्टमॉर्टम किए जाने के बाद मुख्तार अंसारी के शव को गाजीपुर जिले के मोहम्‍दाबाद यूसुफपुर स्थित उसके पैतृक निवास ले जाया गया. 26 गाड़ियों का काफिला शुक्रवार शाम पौने पांच बजे गाजीपुर के लिए रवाना हुआ था. इस काफिले में मौजूद मुख्तार के वकील नसीम हैदर ने बताया कि अंसारी का शव उसके छोटे बेटे उमर अंसारी, बहू निकहत अंसारी और दो चचेरे भाइयों के सुपुर्द किया गया. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस अधिकारियों की 24 गाड़ियां काफिले में था और दो गाड़ियां अंसारी के परिवार की थीं.

मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

बांदा के मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सीजेएम) भगवान दास गुप्ता की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, मामले की जांच के लिए गरिमा सिंह अपर मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सांसद-विधायक अदालत बांदा) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. आदेश के मुताबिक वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार बांदा द्वारा 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की न्यायिक जांच के लिए अधिकारी नामित करने की याचना की गयी थी. सीजेएम ने नियुक्त जांच अधिकारी से एक माह के अंदर जांच आख्‍या मांगी है. इसके पहले महानिदेशक (कारागार) एसएन साबत ने से कहा कि मामले की न्यायिक जांच होगी.

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