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महाकुंभ में 100 से अधिक महिलाओं को जूना अखाड़ा में नागा की दीक्षा दी गई

जूना अखाड़ा की महिला संत दिव्या गिरि के अनुसार दीक्षा के लिए पंजीकरण जारी है और प्रथम चरण में 102 महिलाओं को नागा दीक्षा दी गई. 12 वर्षों की सेवा और उनके गुरु के प्रति के समर्पण को देखने के बाद इन महिलाओं को अवधूतनी बनाया गया.

महाकुंभ में 100 से अधिक महिलाओं को जूना अखाड़ा में नागा की दीक्षा दी गई
महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो गया है, जो कि 26 फरवरी तक चलने वाला है.
महाकुंभ:

सनातन धर्म की रक्षा के लिए नारी शक्ति भी किसी तरह से पीछे नहीं है. रविवार को 100 से अधिक महिलाओं को जूना अखाड़ा में नागा दीक्षा दी गई जिसमें तीन विदेशी महिलाएं भी शामिल हैं. जूना अखाड़ा की महिला संत दिव्या गिरि ने बताया कि रविवार को उनके अखाड़े में 100 से अधिक महिलाओं को नागा संन्यासिन के तौर पर दीक्षा दी गई. इस दीक्षा के लिए पंजीकरण जारी है और प्रथम चरण में 102 महिलाओं को नागा दीक्षा दी गई. उन्होंने बताया कि 12 वर्षों की सेवा और उनके गुरु के प्रति के समर्पण को देखने के बाद इन महिलाओं को अवधूतनी बनाया गया. अवधूतनी का समूह गंगा के तट पर पहुंचा जहां उनका मुंडन कराया गया.

गंगा स्नान के बाद उन्हें कमंडल, गंगा जल और दंड दिया गया. अंतिम दीक्षा आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि द्वारा दी जाएगी. महाकुंभ में विदेशी महिलाओं ने भी नागा संन्यासी दीक्षा में हिस्सा लिया और अब वे जूना अखाड़ा की सदस्य हैं. तीन विदेशी महिलाओं को नागा संन्यासिन के तौर पर दीक्षा दी गई. इनमें इटली से बांकिया मरियम को शिवानी भारती, फ्रांस की वेक्वेन मैरी को कामाख्या गिरि और नेपाल की मोक्षिता रानी को मोक्षिता गिरी नाम दिया गया.

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