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This Article is From Nov 17, 2022

"मोरबी हादसा उच्चतम स्तर की धोखाधड़ी का कृत्य" : दिग्विजय सिंह ने PM मोदी और गुजरात के CM पर साधा निशाना

मोरबी में मच्छु नदी पर बना झूलता पुल 30 अक्टूबर को अधिक संख्या में लोगों के चढ़ने के बाद गिर गया था. इसे हादसे से चार दिन पहले ही पुल को मरम्मत के बाद खोला गया था.

"मोरबी हादसा उच्चतम स्तर की धोखाधड़ी का कृत्य" : दिग्विजय सिंह ने PM मोदी और गुजरात के CM पर साधा निशाना
दिग्विजय सिंह ने मोरबी पुल हादसे को उच्चतम स्तर की धोखाधड़ी का कृत्य बताया है
अहमदाबाद:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मोरबी पुल हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पर निशाना साधा है. उन्‍होंने दावा किया कि यह उच्चतम स्तर की धोखाधड़ी का कृत्य है. गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले यहां संवाददाताओं को संबोधित कर रहे राज्यसभा सदस्य सिंह ने कहा कि पिछले महीने हुए पुल हादसे से बड़ी कोई प्रशासनिक विफलता नहीं हो सकती और मुख्यमंत्री पटेल को इस घटना के बाद इस्तीफा दे देना चाहिए था. पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो ग थी. मोरबी में मच्छु नदी पर बना झूलता पुल 30 अक्टूबर को अधिक संख्या में लोगों के चढ़ने के बाद गिर गया था. इसे हादसे से चार दिन पहले ही पुल को मरम्मत के बाद खोला गया था.

सिंह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में एक पुल हादसे पर तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की ‘एक्ट ऑफ गॉड (ईश्वर का कृत्य)' की टिप्पणी के जवाब में उसे ‘एक्ट ऑफ फ्रॉड (धोखधड़ी भरा कृत्य)' बताया था. मोदीजी मोरबी हादसा एक्ट ऑफ गॉड था या एक्ट ऑफ फ्रॉड?'' मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘यह उच्चतम स्तर की धोखाधड़ी थी और मोदीजी, आप जिम्मेदार और जवाबदेह हैं.''सिंह ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को इस घटना के बाद इस्तीफा दे देना चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया गया है, लेकिन आज तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गयी. एसआईटी क्यों बनाई गयी? एसआईटी आरोपी अपराधियों को बचाने का सबसे आसान तरीका है.''कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘यह नरेंद्र मोदी और (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह तथा गुजरात के मुख्यमंत्री के शासन का मॉडल है जिन्हें रिमोट से संचालित किया जा रहा है.''उन्होंने प्रधानमंत्री को राजनीति के अपराधीकरण के लिए जिम्मेदार ठहराया. सिंह ने कहा कि मोदी ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था लेकिन कुछ नहीं बदला. उन्होंने मोरबी पुल ढहने से संबंधित प्राथमिकी में अजंता मैन्युफैक्चरिंग या ओरेवा समूह (जिसने पुल की मरम्मत की थी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का नाम नहीं होने पर भी सवाल उठाया और कहा कि उनके खिलाफ अभी तक कोई लुकआउट नोटिस जारी नहीं किया गया है. सिंह ने दावा किया, ‘‘यह मोदी के संरक्षण की वजह से है. यह अपराधीकरण, भ्रष्टाचार और कमीशन का सबसे बड़ा उदाहरण है. अगर किसी दूसरे राज्य में ऐसा होता तो पूरे देश में हाहाकार मच जाता.'' स्थानीय प्रशासन की भूमिका की निंदा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि कंपनी के सीईओ पुल का रिबन काटते हैं, लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक को इस बारे में कुछ पता नहीं होता. उन्होंने कहा, ‘‘इससे बड़ी प्रशासनिक नाकामी नहीं हो सकती. नगर निगम की भूमिका भी संदिग्ध है.''सिंह ने दुर्घटना वाले दिन उस स्थान से चार किलोमीटर दूर भारतीय जनता पार्टी के एक आयोजन को लेकर उस पर भी निशाना साधा और दावा किया कि पुल गिरने के एक घंटे बाद शाम 7:30 बजे तक कार्यक्रम जारी रहा.

बिल्किस बानो मामले में 11 दोषियों को माफी मिल जाने के मुद्दे पर दिग्विजय ने कहा, ‘‘बलात्कार और हत्या के दोषियों को राहत दी जाती है और बाहर आने पर उनका स्वागत किया जाता है. उनके परिजनों को भाजपा का सदस्य बनाया जाता है.'' सिंह ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कांग्रेस-मुक्त परियोजना का हिस्सा होने और भाजपा की बी-टीम'' होने का आरोप लगाया.सिंह ने दावा किया कि एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी भी भाजपा की बी-टीम का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि ओवैसी को जिला प्रशासन से प्रदर्शन की अनुमति मिल जाती है, लेकिन कांग्रेस को लाठी मिलती है.उन्होंने कहा, ‘‘बदलाव लोकतंत्र का आधार है. गुजरात में शासन की विफलता, अपराधीकरण, कमीशन, भ्रष्टाचार, नियमों की अवहेलना और अपराधियों के संरक्षण जैसे अनेक मुद्दे हैं.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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