नई दिल्ली:
उत्तर भारत में दिन-ब-दिन बढ़ती गर्मी से राहत के लिए दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की आस लगाए बैठे लोगों का इंतजार अभी और लंबा हो सकता है। दरअसल, मौसम वैज्ञानिकों ने केरल में मॉनसून के अभी एक सप्ताह बाद पहुंचने का अनुमान लगाया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान विभाग के प्रमुख डी शिवानंद पई ने मॉनसून की प्रगति के बारे में पूछने पर कहा, अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि परिस्थितियां आगामी तीन दिनों में बंगाल की खाड़ी के ऊपर कुछ हिस्सों में मॉनसून के और आगे बढ़ने के अनुकूल बन रही है। हालांकि वैज्ञानिक इसे केरल में जल्दी मॉनसून आने के संकेत के रूप में नहीं देख रहे हैं।
राष्ट्रीय मध्यम रेंज मौसम पूर्वानुमान केंद्र की निदेशक स्वाति बसु ने कहा, हम मॉनसून के केरल में 3 जून को आने के आईएमडी के पूर्वानुमान पर डटे हुए हैं। भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए अहम मॉनसून के तहत अंडमान सागर में सामान्य तिथि से तीन दिन पहले 17 मई को पहली बारिश हुई थी। मॉनसून 17 और 20 मई के बीच आगे बढ़ा था, लेकिन इसके बाद यह आगे नहीं बढ़ा।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान विभाग के प्रमुख डी शिवानंद पई ने मॉनसून की प्रगति के बारे में पूछने पर कहा, अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि परिस्थितियां आगामी तीन दिनों में बंगाल की खाड़ी के ऊपर कुछ हिस्सों में मॉनसून के और आगे बढ़ने के अनुकूल बन रही है। हालांकि वैज्ञानिक इसे केरल में जल्दी मॉनसून आने के संकेत के रूप में नहीं देख रहे हैं।
राष्ट्रीय मध्यम रेंज मौसम पूर्वानुमान केंद्र की निदेशक स्वाति बसु ने कहा, हम मॉनसून के केरल में 3 जून को आने के आईएमडी के पूर्वानुमान पर डटे हुए हैं। भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए अहम मॉनसून के तहत अंडमान सागर में सामान्य तिथि से तीन दिन पहले 17 मई को पहली बारिश हुई थी। मॉनसून 17 और 20 मई के बीच आगे बढ़ा था, लेकिन इसके बाद यह आगे नहीं बढ़ा।