संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) का आज दूसरा दिन हैं. आज भी संसद में पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Spy Case) पर हंगामा हुआ. विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं. हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही को शुरू होते ही स्थगित करना पड़ा. इसके बाद भी कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई. लोकसभा 22 जुलाई 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है. राज्यसभा भी नहीं चल पा रही है. हंगामे के चलते बार-बार कार्यवाही स्थगित हो रही है.
जासूसी कांड की जांच जेपीसी गठित करके हो
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल ने मांग की है कि पेगासस स्पाईवेयर विवाद की जांच ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) गठित करके कराई जाए. इस विवाद में जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या सरकार ने इजरायल से स्पाईवेयर खरीदा था. अगर नहीं तो गलत तरीके से भारतीय नागरिकों के फोन को हैक किया गया ? सरकार इस मामले में कटघरे में है.
शिवसेना सांसदों ने पेगासस मामले की जांच जेपीसी से करवाने की मांग की
शिवसेना सांसदों ने पेगासस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी से कराने की मांग की. शिवसेना सांसदों ने स्पीकर से मुलाकात कर यह मांग की. ये संविधान द्वारा प्रदत्त गोपनीयता और स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला है. ये मामला बेहद गंभीर है.
शशि थरूर बोले सरकार जवाब दे
पेगासस जासूसी कांड पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी चिंता जताई है. उन्होंने ANI से कहा कि इस बात की पुष्टि हुई है भारत में भी मोबाइल पेगासस के जरिए टैप हुए. कंपनी ये प्रोडक्ट सत्यापित सरकारों को ही बेचती है. ऐसे में सवाल उठता है कौन सी सरकार? अगर भारत सरकार कहती है कि उन्होंने नहीं किया तो किस सरकार ने किया. ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मामला है. सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए. अगर इसके उलट पता चलता है कि इस मामले में सरकार है तो भारत सरकार को जवाब देना चाहिए क्योंकि कानून सरकार केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दों पर फोन टैपिंग की इजाजत देता है. यह अवैध है.
कांग्रेस सदन को चलने नहीं देना चाहती : जगदंबिका पाल
बीजेपी के नेता जगदंबिका पाल ने कहा कि कांग्रेस एक कंफ्यूज पार्टी है. सदन को चलने नहीं देना है, इसलिए बहाना बनाया जा रहा है. जांच किस बात की, जब सरकार ने कह दिया है कि इसमें उनका कोई रोल नहीं है. आईटी मंत्री ने सदन में कहा और गृहमंत्री ने भी बयान दिया है. राहुल गांधी की जासूसी की क्या जरूरत है. वे कल तक किसान और कोविड पर चर्चा की मांग कर रहे थे, आज पलट गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हाईलेवल SIT गठित कर जांच हो : संजय सिंह
आप के सांसद संजय सिंह ने कहा कि पेगासस स्पाइवेयर विवाद की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक हाई लेवल एसआईटी गठित करके करनी चाहिए. देश के महत्वपूर्ण नेताओं पत्रकारों और दूसरे कई लोगों के फोन हैक की बात सामने आ रही है. इस विवाद में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का भी नाम सामने आया है. जिस महिला ने आरोप लगाया उस महिला का फोन हैक करने की बात सामने आई है. ये विवाद पहले अप्रैल में आया और फिर नवंबर में राफेल डील पर क्लीन चिट दी गई. इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. ये निजता के हनन का भी मामला है. यह कोई सामान्य मामला नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी की जांच से ही इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा
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दीपेंद्र हुड्डा ने कहा- कृषि कानूनों पर दिया था एडजर्नमेंट मोशन नोटिस
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एनडीटीवी से कहा कि भारत सरकार को तीनों नए कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिए. मैंने इस मसले पर चर्चा के लिए एडजर्नमेंट मोशन नोटिस दिया था, लेकिन राज्यसभा चेयरमैन ने उसे स्वीकार नहीं किया. इसे लेकर कई राजनीतिक दलों ने आज समर्थन किया है. मेरी मांग है कि भारत सरकार प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत की प्रक्रिया के विवाद को सुलझाने के लिए फिर बातचीत शुरू करे.
तृणमूल कांग्रेस ने किया जासूसी कांड के खिलाफ प्रदर्शन
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के नेता सुखेंदु शेखर रॉय ने राज्यसभा में कामकाज स्थगित कर नियम 267 के तहत तुरंत पेगासस फोन हैकिंग के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है. जासूसी मामले पर टीएमसी के सांसदों ने प्रदर्शन भी किया है. उनकी मांग है मामले की जांच हो. सांसद संसद सिंह ने भी राज्यसभा के शून्यकाल में आज पेगासिस मामले को उठाने के लिए "जीरो ऑवर" नोटिस दिया था.
क्या है जासूसी मामला
फॉरगॉटेन स्टोरीज समेत 17 मीडिया संगठनों की ओर से सोमवार को लगातार दूसरे दिन इस मामले में खुलासे किए गए, जिससे दुनिया भर में सियासी तूफान उठा. द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, नए आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा भी संभावित तौर पर निशाने पर थे.
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