पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ एक महिला कर्मचारी द्वारा छेड़छाड़ का आरोप लगाये जाने की पृष्ठभूमि में, राजभवन ने बुधवार को कहा कि वह “राजनीतिक नेता” ममता बनर्जी और “उनकी पुलिस” को छोड़कर 100 लोगों को संबंधित सीसीटीवी फुटेज दिखाएगा. राज्यपाल पर आरोप के बाद, पुलिस ने राजभवन से संबंधित सीसीटीवी फुटेज साझा करने का अनुरोध किया था. राज्यपाल ने हालांकि, अपने कर्मचारियों को इस संबंध में पुलिस के साथ सहयोग नहीं करने का निर्देश दिया.
उसने लोगों से राजभवन में कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ईमेल या फोन पर अनुरोध भेजने को कहा और पहले 100 लोगों को बृहस्पतिवार सुबह राजभवन के अंदर फुटेज देखने की अनुमति दी जाएगी.
राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने शुक्रवार को राज्यपाल पर गवर्नर हाउस में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस में लिखित शिकायत दायर की है. बोस ने आरोप को “बेतुका नाटक” बताया था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राजनीति को “गंदी” करार दिया था.
पुलिस ने आरोप की जांच के सिलसिले में राजभवन के कुछ अधिकारियों और वहां तैनात पुलिसकर्मियों को तलब किया है. हालांकि, संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं