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This Article is From Jul 20, 2023

मोदी सरनेम केस: राहुल गांधी ने गुजरात HC के फैसले को दी चुनौती, SC में शुक्रवार को सुनवाई

मानहानि केस में 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद राहुल की सांसदी चली गई थी.

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राहुल गांधी को मानहानि केस में दो साल की सजा सुनाई गई है.

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरनेम (Modi Surname Case) से जुडे़ मानहानि केस (Defamation Case) में 2 साल की सजा के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (21 जुलाई) को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच याचिका पर सुनवाई करेगी.

मानहानि केस में 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद राहुल की सांसदी चली गई थी. राहुल को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया गया. इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है.


पूर्णेश मोदी ने भी दाखिल की है कैविएट
इस बीच राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत करने वाले बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है. उन्होंने कोर्ट से मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी के पक्ष के साथ-साथ उनका पक्ष भी सुनने की अपील की है.

गुजरात हाईकोर्ट ने सजा को रखा था बरकरार
गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले में 7 जुलाई को फैसला सुनाया था और राहुल गांधी की 2 साल की सजा को बरकरार रखा था. राहुल गांधी की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी. 

सजा न्यायोचित- गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने फैसला सुनाते हुए कहा था, 'राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं. इस केस के अलावा उनके खिलाफ कुछ और केस फाइल किए गए हैं. एक तो वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है. किसी भी हाल में सजा पर रोक नहीं लगाना अन्याय नहीं है. इस केस में सजा न्यायोचित और उचित है.' हाईकोर्ट ने आगे कहा था, 'राहुल गांधी ऐसे आधार पर सजा पर रोक की मांग कर रहे हैं, जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है. सूरत कोर्ट के फैसले में दखल की जरूरत नहीं है. याचिका खारिज की जाती है.'

मानहानि का पूरा मामला क्या है?
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था, "चोरों का सरनेम मोदी है. सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी." इसी बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज कराया था. इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे. आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था.

सांसदी क्यों गई?
दरअसल, जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदालतों में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा पाए जनप्रतिनिधियों (विधायकों-सांसदों) की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी. कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा. इसी फैसले के तहत राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता सजा मिलने के दिन से ही चली गई. राहुल गांधी केरल के वायानाड से सांसद थे.

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